भोपाल । भारतीय रेलवे ने अगले दो वित्तीय वर्षों (2024-25 और 2025-26) में 10,000 नॉन-एसी कोच बनाने की योजना बनाई है। इस पहल का उद्देश्य आम रेल यात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ाना है। अगले दो वर्षों में, नॉन-एसी कोचों की कुल संख्या में 22% की वृद्धि की जाएगी।
#### वित्त वर्ष 2024-25 के लिए विस्तृत विवरण:
– कुल नियोजित उत्पादन :
– 2,605 सामान्य कोच
– 1,470 नॉन-एसी स्लीपर कोच
– 323 एसएलआर कोच
– 32 उच्च क्षमता वाले पार्सल वैन
– 55 पेंट्री कार
– यात्री सुविधा में सुधार के लिए :
– अमृत भारत जनरल, स्लीपर, और एसएलआर कोच शामिल हैं।
वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए विस्तृत विवरण:
– कुल नियोजित उत्पादन :
– 2,710 जनरल कोच
– 1,910 नॉन-एसी स्लीपर कोच
– 514 एसएलआर कोच
– 200 उच्च क्षमता पार्सल वैन
– 110 पेंट्री कार
– फोकस :
– जनरल, स्लीपर और एसएलआर कोचों के लिए अमृत भारत श्रृंखला पर जोर जारी रखा गया है।
रेलवे का फोकस:
– यात्रियों की सुविधाएं :
– नॉन-एसी कोचों में यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए पर्याप्त और बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करना।
– अलग-अलग यात्री आवश्यकताओं और मौसमी उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए आराम और उपलब्धता बढ़ाना।
– रणनीति :
– रेलवे की रणनीति नॉन-एसी कोचों का उत्पादन बढ़ाने की है, जिसका लक्ष्य आम यात्रियों की जरूरतों को बेहतर ढंग से पूरा करना है।
– अधिक मांग वाले कोरिडोर में अधिक संख्या में नॉन-एसी कोच वाली विशेष ट्रेनें चलाने की योजना बनाई गई है।