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mp Salary payment to part time employees : प्रदेश की नौकरशाही अंशकालीन कर्मचारियों को वेतन भुगतान करने में कर रही है भेदभाव

अंशकालीन कर्मचारी का पिछले 18 वर्ष से नहीं बाढ वेतन
MP Salary payment to part time employees : प्रदेश के शासकीय विभाग में पदस्थ नौकरशाही अंशकाली कर्मचारियों को वेतन भुगतान करने में भेदभाव अपना रही है अधिकारी मनमर्जी से अंशकालीन कर्मचारी को वेतन भुगतान कर रहे हैं शिक्षा विभाग में अंशकालीन कर्मचारी को अलग वेतन दिया जाता है जबकि आदमी जाति कल्याण विभाग में अधिकारियों द्वारा अंशकालीन कर्मचारियों को अलग दर से वेतन भुगतान किया जा रहा है वहीं स्वास्थ्य विभाग वन विभाग लोक निर्माण विभाग जल संसाधन विभाग आदि में अलग-अलग दर से वेतन भुगतान किया जा रहा है जिसकी शिकायत मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच में मुख्य सचिव मध्य प्रदेश शासन से की है तथा मांग है कि अंशकालीन कर्मचारियों को प्रदेश भर में एक दर से वेतन भुगतान कलेक्टर दर का या श्रम आयुक्त द्वारा निर्धारित वेतन भुगतान किया जाए जो वर्तमान में लगभग 9: 50 हजार रुपए है।
मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांत अध्यक्ष अशोक पांडे ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया है कि शिक्षा विभाग कि छात्रावास में एवं स्कूलों में पदस्थ अंशकालीन कर्मचारियों को मात्र ₹2000 या ₹3000 वेतन दिया जा रहा है जबकि वन विभाग जल संसाधन विभाग और लोक निर्माण विभाग में अंशकालीन कर्मचारियों को₹5000 वेतन दिया जा रहा है किसी किसी विभाग में अंश कालीन कर्मचारियों को अधिकारी अपनी मर्जी से वेतन किसी माह में काम तो किसी माह में ज्यादा वेतन प्रमाण बनाकर भुगतान कर रहे हैं जिससे प्रदेश के हजारों अंशकालीन कर्मचारी का आर्थिक शोषण हो रहा है वही अंशकालीन कर्मचारियों से शासन के नियमानुसार 4 घंटे अधिकारियों को कम लेने के निर्देश हैं लेकिन अंशकालीन कर्मचारी से अधिकारी पूरे दिन 8 घंटे से भी ज्यादा समय कार्य करवाते हैं तभी वेतन कम भुगतान किया जा रहा है अंशकालीन कर्मचारियों को कोई अवकाश सुविधा नहीं दी जाती है कर्मचारियों का शासन ने वित्त विभाग से₹2000 वेतन बढ़ाया भी था लेकिन वह वेतन आज तक लागू नहीं हुआ यदि अंशकालीन कर्मचारी का इसी तरह भेदभाव करके उनका आर्थिक शोषण किया गया उनके साथ दोहरे मापदन अपने गए अंशकालीन कर्मचारी की शासन द्वारा उपेक्षा की गई तो अंशकालीन कर्मचारी 8 अक्टूबर 2023 से भोपाल में अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आंदोलन पर बैठ जाएंगे और सरकार से मांगों को मंजूर करने और न्याय प्रदान करने की गुहार लगाएंगे।

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