Madhya Pradesh

Mp Halla bol : चयनित सब इंजीनियर्स और भावी डॉक्टर्स ने भीख मांगकर किया शिवराज सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

युवा हल्ला बोल के प्रदेश अध्यक्ष अरुणोदय सिंह परमार बोले भाजपा शासित मध्यप्रदेश में भीख मांगने पर मजबूर हुए डॉक्टर्स और इंजीनियर्स

चयनित सब इंजीनियर्स और भावी डॉक्टर्स को दिलाई भाजपा को वोट ना देने की शपथ

Bhopal : मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (व्यापम) द्वारा नवंबर 2022 को करवाई गई संयुक्त भर्ती परीक्षा में सब इंजीनियर के पद पर चयनित अभ्यर्थियों को सामान्य प्रशासन विभाग के 26 जून 2023 के आदेश के बाद होल्ड पर कर दिया गया। जबकि होल्ड किये गए मेरिटधारी
अभ्यर्थियों का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन भी करवा लिया गया था। डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के समय इन अभ्यर्थियों से अन्य जॉब से त्यागपत्र भी मांगा गया था इसके चलते इनके पास पिछली जॉब भी नहीं बची है | कम अंक लाने वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति दे दी गयी है, ज्यादा अंक लाने के बावजूद भी होल्ड कर दिया है।

युवा हल्ला बोल के प्रदेश अध्यक्ष अरुणोदय सिंह परमार बोले आज मध्यप्रदेश के डॉक्टर्स और इंजीनियर्स सडक पर भीख मांगने को मजबूर है क्या यही है शिवराज सिंह जी का मॉडल?… क्या यही है डबल इंजन वाली सरकार का मॉडल?

श्री परमार ने कहा कि देश और मध्यप्रदेश के लिए यह शर्मनाक है कि आखिर जिस देश के डॉक्टर्स और इंजीनियर्स ही भीख मांगने पर मजबूर हो उस देश, प्रदेश के मुखिया को हम कैसे योग्य व ईमानदार मान ले। जिस प्रदेश में मेरिटधारियों को होल्ड और कम नंबर वालों सरकारी नौकरी मिल जाए उस प्रदेश में हम कैसे भर्ती प्रक्रिया को घोटाला मुक्त मान ले। जिस प्रदेश के डॉक्टर्स की स्कॉलरशिप में प्रतिवर्ष की कटौती ही 2 लाख हो, उनके सालाना आय 3 लाख रुपये से कम होने के बावजूद, उस सरकार को हम कैसे ईमानदार मान ले… शिवराज की सरकार नौकरी देना तो दूर की बात, वो निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया, घोटाले मुक्त भर्ती प्रक्रिया और पूरी स्कॉलरशिप तक इस प्रदेश के युवाओं को नहीं दे पा रहे है। यह युवा विरोधी नहीं तो और क्या है?

चयनित सब इंजीनियर्स और भावी डॉक्टर्स को दिलाई भाजपा को वोट ना देने की शपथ

अभ्यर्थियों ने कहा कि 31 विभाग में से लगभग 20 विभागों ने सभी अभ्यर्थियों को नियुक्ति दे दी है | और कुछ विभागों ने 13℅ OBC अभ्यर्थियों को होल्ड कर दिया है | हमे होल्ड किये जाने से मेरिट प्रक्रिया का उल्लंघन किया गया, जिससे एक ही वर्ग (ओबीसी) के कम नंबर वाले लोगों की नियुक्ति हो गई और अधिक नंबर वाले होल्ड हो गए, एक ही परीक्षा में ऐसा अन्यायपूर्ण व्यवहार प्रशासन और विभाग द्वारा हमारे साथ किया गया है।मध्यप्रदेश के एम.बी.बी.एस. पोस्ट मैट्रिक (OBC) 2019, 2020 और 2021 बैच के छात्रों की छात्रवृत्ति में प्रतिवर्ष 15 प्रतिशत की कटौती डेवलपमेंट चार्ज के रूप में की जा रही है जबकि प्रवेश के समय पूर्ण छात्रवृत्ति मिलने का लिखित आश्वासन छात्रों को दिया गया था।

इन छात्रों को प्रथम वर्ष तो पूर्ण छात्रवृत्ति प्राप्त हुई किन्तु दूसरे वर्ष से कटौती की जाने लगी।
प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की सालाना फीस लगभग 11-12 लाख रूपये है जिसमे प्रतिवर्ष 15 प्रतिशत की कटौती होने के कारण एक छात्र को प्रतिवर्ष 1.5 से 2 लाख रुपये का आर्थिक बोझ झेलना पड़ रहा है।
इन छात्रों का प्रवेश ही इस आधार पर हुआ था कि इनके परिवार की वार्षिक आय 3 लाख रुपये से कम हो. इनके लिए प्रतिवर्ष 2 लाख की राशि जुटाना काफी मुश्किल है।

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