संसद के विशेष सत्र से देश का नाम बदलकर भारत करेगी मोदी सरकार
नई दिल्ली । 18 सितंबर से शुरू हो रहे संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र को लेकर तस्वीर पूरी तरह से साफ हो चुकी है। केंद्र की मोदी सरकार देश का नाम बदलने का प्रस्ताव ला सकती है। यूसीसी और एक-राष्ट्र, एक चुनाव के बाद अब कयास लगाए जा रहे हैं कि अनुच्छेद 368 के तहत एक संवैधानिक संशोधन किया जाएगा और हमारे देश के नाम को इंडिया से आधिकारिक तौर पर भारत कर दिया जाएगा। इस लेकर मोदी सरकार की ओर से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। लेकिन जी20 नेताओं को राष्ट्रपति मुर्मू की ओर से भेजे गए रात्रिभोज निमंत्रण में प्रेसिडेंट ऑफ भारत का जिक्र है। इसके बाद से चर्चाओं का बाजार गरम है।
बता दें कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 1 में हमारे देश का उल्लेख इस प्रकार किया गया है कि इंडिया अर्थात भारत एक राज्यों का संघ है। देश के नाम को लेकर निर्णय संविधान सभा ने बहुत बहस के बाद हुआ था। क्योंकि कुछ सदस्य इंडिया नाम चाहते थे और कुछ सदस्य भारत रखना चाहते थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने कई बार घोषणा की है कि उनका झुकाव भारत नाम की ओर है। 2022 में अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान, पीएम मोदी ने नागरिकों से गुलामी के निशान को खत्म करने सहित कुछ प्रतिज्ञाएं लेने को कहा था।
देश का नाम इंडिया के केवल भारत करने के कयास दो वजहों से लग रहे हैं। एक है असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की एक्स (ट्विटर) पर की गई हालिया पोस्ट। इसमें उन्होंने कहा, भारत गणराज्य खुश और गौरवान्वित है कि हमारी सभ्यता साहसपूर्वक अमृत काल की ओर आगे बढ़ रही है। दूसरा है राष्ट्रपति की ओर से जी20 प्रतिनिधिमंडल को भेजे गए रात्रिभोज निमंत्रण पत्र। राष्ट्रपति भवन से जी20 प्रतिनिधिमंडल को दिए गए आधिकारिक रात्रिभोज निमंत्रण में राष्ट्रपति का उल्लेख प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया के बजाय प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा है।
देश का नाम इंडिया से भारत करने की मांग कई बार उठ चुकी है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत जैसे लोग भी इस विचार का समर्थन कर चुके हैं। इस कदम को गुलामी वाली विरासत से दूर जाने का एक और प्रयास करार दिए जाने की संभावना है।