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महाकाल के दरबार पहुंचे मिर्ची बाबा, लगाई गुहार, कहा

भ्रष्ट सीएम को बदलो
उज्जैन । भोपाल की जेल में बंद वैराग्यानंद गिरी उर्फ मिर्ची बाबा को कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपों से बरी कर दिया है। पीडि़त पक्ष आरोप साबित नहीं कर सका। इस आधार पर कोर्ट ने मिर्ची बाबा को बरी कर दिया। कोर्ट के आदेश के बाद मिर्ची बाबा भोपाल की सेंट्रल जेल से रिहा हुए। वे शुक्रवार को बाबा महाकाल के दरबार में पहुंचे। बाबा महाकाल के दरबार मे जब उन्हें दर्शन करने गर्भगृह में नहीं जाने दिया तो उनका आक्रोश फूट पड़ा। उन्होंने नंदी हॉल से बाबा महाकाल के दर्शन किए। साथ ही चिल्ला-चिल्लाकर बाबा महाकाल से गुहार लगाई कि हम पर दया रखना और प्रदेश से भ्रष्ट मुख्यमंत्री को बदल देना।
निरंजनी अखाड़ा के वैराग्यानंद गिरी उर्फ मिर्ची बाबा शुक्रवार दोपहर को बाबा महाकाल के दर्शन करने मंदिर में पहुंचे। मिर्ची बाबा को गर्भगृह में प्रवेश नहीं दिया गया। उन्हें नंदी हॉल से ही दर्शन करने को कहा गया। इस पर वे नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि गर्भगृह में जब भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय जैसे लोग जा सकते हैं तो फिर निरंजनी अखाड़े के संत को गर्भगृह में जाने से क्यों रोका जा रहा है? गर्भगृह में नहीं जाने से मिर्ची बाबा नाराज थे। उन्होंने पहले बाबा महाकाल के दर्शन किए। फिर नंदी हॉल में चिल्लाते हुए कहा कि हे महाकाल, दया करना। इस भ्रष्ट मुख्यमंत्री को बदल देना। इसके राज में संत पीडि़त हो गए हैं। सब दुखी हो गए हैं। मध्य प्रदेश में संतों के साथ अनाचार किया जा रहा है। बाबा महाकाल तेरे सामने एक संत रो-रोकर चीख-चीख कर यह मांगता है कि इस भ्रष्ट मुख्यमंत्री को बदल देना जो मंदिर में दर्शन करने के लिए निरंजनी अखाड़े के संतों को रोकता है। आज तेरे दरबार में एक संत चिल्लाता है कि हमें झूठे केस में फंसाया जा रहा है। बाबा महाकाल इन लोगों का झूठ समाप्त कर देना। हे बाबा महाकाल, प्रार्थना स्वीकार करना। हर हर महाकाल यह बात कहते हुए मिर्ची बाबा नंदी हॉल से बाहर निकल गए। नंदी हॉल में मिर्ची बाबा ने कहा कि मैं सच्चे कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाने की बात करता हूं इसीलिए मेरा विरोध किया जाता है। आज भी मुझे बाबा महाकाल के दर्शन गर्भगृह से इसीलिए नहीं करने दिए गए। गर्भगृह में जब कैलाश विजयवर्गीय जैसे लोग जा सकते हैं तो फिर निरंजनी अखाड़े के संतों का गर्भगृह में प्रवेश वर्जित क्यों है। मिर्ची बाबा को कमलनाथ सरकार के समय मंत्री का दर्जा प्राप्त था। 2018 के चुनावों से पहले उन्होंने मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ मोर्चा खोला था। कांग्रेस के पक्ष में प्रचार भी किया था।

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