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कक्का जु का व्यक्तित्व ग्रामीणों को कर रहा है प्रभावित, मिल रहा है भारी समर्थन

नया स्थान, पुरानी पहचान की तर्ज पर जुड़ रहे हैं लोग

शिवपुरी । शिवपुरी विधानसभा से इस बार दोनो बीजेपी और कांग्रेस के प्रत्याशी स्थानीय तौर पर नए चेहरे हैं। अगर राजनीति पृष्ठ भूमि की बात की जाए तो जहां देवेंद्र जैन कोलारस और के पी सिंह कक्का जु पिछोर से विधायक हैं। जहां कक्का जु पिछले 3 दशक से विधायक हैं साथ ही वह मंत्री भी रहे है, जिससे उनका पिछोर की जनता पर खासा प्रभाव है। इस बार उन्हें पार्टी ने शिवपुरी से अपना प्रत्याशी बनाया है। अजेय प्रत्याशी कक्का जु को चुनौती है, लेकिन कक्का जु इसे चुनौती नहीं मानते क्यों कि उनके द्वारा पिछोर में किए विकास कार्य हैं। उसका असर शिवपुरी की जनता पर भी दिख रहा है। इसलिए उन्हें यहां पर भारी समर्थन मिल रहा है। यही समर्थन उनकी जीत का रास्ता आसान बना रही है। देवेंद्र जैन बीजेपी से स्थानीय प्रत्याशी हैं उनको शहर की जनता में अच्छा समर्थन मिल रहा है। लेकिन यहां पर सामाजिक ध्रुवीकरण के चलते वोट बटने की संभावना अधिक है। वहीं स्थानीय मुद्दे भी यहां पर जनता उठा रही है। बीजेपी की नगर पालिक के बावजूद स्वच्छता को लेकर जनता में नाराजगी बनी हुई है। यहां पर राम मंदिर और हिंदू मुस्लिम का मुद्दा मुद्दा नहीं रहा। यहां पर विगत कई वर्षों से अधिकतर बीजेपी का जनप्रतिनिधि रहा है लेकिन स्थानीय मुद्दों को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई है। स्थानीय मुद्दे दोनो ही राजनेतिक दलों के प्रत्यासियों के लिए महत्वपूर्ण है। जो भी राजनेतिक दल स्थानीय मुद्दों को लेकर जनता को संतुष्ट कर देगा उसकी जीत सुनिश्चित है। 

रोजगार प्रमुख मुद्दा : खदान और मिल बंद होने से हजारों बेरोजगार

यह विधान सभा सिंधिया घराने का गढ़ रहा है। यहां पर आज भी सिंधिया परिवार का उतना ही सम्मान करते हैं हैं जितना कभी हुआ करता था। लेकिन राजनीतिक तौर पर देखा जाए तो जनता के लिए कोई विशेष कार्य नहीं हुए।यहां की जनता के लिए रोजगार मुद्दा तो प्रमुख है। यहां रोजगार के लिए स्थानीय पत्थर की खदाने थी। जिससे इस जिले के लगभग 50 हजार लोगों को रोजगार मिलता था । वहीं शारदा सॉल्वेंट मिल जो की वनस्पति का निर्माण किया जाता था जिसमें लगभग 5 हजार लोग कार्य करते थे। यह दोनों ही बंद जो चुके हैं जिससे यहां पर स्थानीय व्यापार घटा है। 

शिवपुरी के स्थानीय लोगों ने चर्चा में बताया कि हमने काफी दिनों से बीजेपी की सरकार को देख है और जनप्रतिनिधि भी बीजेपी का ही रहा लेकिन स्थानीय मुद्दों को लेकर किसी ने गंभीरता नहीं दिखाई। आज नगर पालिका का अध्यक्ष बीजेपी का है। जो शहर की साफ सफाई पर बिल्कुल ध्यान नहीं रहा है। पार्षद उनके घर पर हाजिरी लगाने जाते हैं। नगर पालिका में अध्यक्ष आते ही नहीं है। अब जनता हो कर्मचारी सभी को अध्यक्ष एक जी हुजूरी करना पड़ रही है। इससे जनता में बीजेपी के प्रति नाराजगी बनी हुई है। वहीं विगत 18 सालों की बीजेपी की सरकार ने यहां पर कोई भी उद्योग स्थापित नहीं किया जिससे यहां पर रोजगार की समस्या उत्पन्न हो रही है। 

पर्यटन स्थल के लिए खदानों को बंद करना भी मुद्दा है। सरकार यहां पर सोनचिरैया अभियारण्य को राष्ट्रीय पर्यटन स्थल बनाना चाहती है जिसके चलते यहां पर जंगल में वर्षों से चली आ रही पत्थर की खदानों को बंद कर दिया गया। इस क्षेत्र में लगभग 50 से अधिक खदाने थी। उनके बंद होने से ठेकेदार से लेकर मजदूर तक ट्रक मालिक, ड्राइवर, क्लीनर, छोटे ठेकेदार, सभी बेरोजगार हो गए वहीं इनके बेरोजगार होने से स्थानों अर्थव्यवस्था और छोटे व्यापारियों पर भी असर पड़ा। इन खदानों के संचार से मजदूर व्यापारी, सभी जुड़े थे। सभी रोजगार में लगे थे। अगर एक अंदाजा लगाया जाए तो लगभग 50 हजार लोग प्रभावित हुए हैं।

शारदा सॉल्वेंट मिल बंद होने से 5 हजार लोग प्रभावित

स्थानीय मुद्दों में एक मुद्दा शारदा सॉल्वेंट मिल का बंद होना भी है। इस मिल में शिवपुरी जिले के स्थानीय मजदूर, कर्मचारी, छोटे व्यापारियों पर भी असर पड़ा है। इससे जुड़े सभी बेरोजगार हो गए। यहां की जनता को कांग्रेस के प्रत्याशी के पी सिंह कक्का जु से क्षेत्रीय जनता को उम्मीद जागी है, इसलिए कक्का जु को जनता का भारी समर्थन मिल रहा है। 

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