ताई उतरी मैदान में, बेटे मिलिंद के लिए टिकिट मांगा, कैलाश पर भी साधा निशाना

इंदौर । मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी की वरिष्ठ नेत्री, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष और इन्दौर लोकसभा सीट से लगातार आठ बार सासंद चुनी गई पद्म भूषण सुमित्रा महाजन ताई भी सक्रिय हो गई हैं । तीस साल तक बीजेपी से सांसद रही सुमित्रा महाजन पार्टी गाइड लाइन से हटकर नेता पुत्रों को टिकट देने की वकालत करते बेटे मिलिंद महाजन को टिकट दिलाने के लिए लॉबिंग कर रही हैं, वे राऊ से अपने बेटे के लिए टिकट चाह रही हैं। सुमित्रा महाजन का कहना है कि बेटा काबिल है तो उसे टिकट मिलना ही चाहिए। यही नहीं सुमित्रा महाजन ने बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय पर भी परोक्ष रूप में निशाना साधते कहा कि मैं भी बीजेपी महासचिव रही हूं चाहती तो अपने बेटे को उस समय टिकट दिला देती लेकिन मैं शुरू से ही एक बात कहती रही हूं कि जो काबिल है,जो जीत सकता है,उसे टिकट देना चाहिए। उसे नकारना नहीं चाहिए. नेता पुत्र होने की वजह से टिकट नहीं कटना चाहिए. दूसरी बात ये भी है कि कोई जीतने लायक नहीं है फिर भी नेता पुत्र होने के कारण उसे टिकट दे दिया जाए ये ठीक नहीं। इन्दौरी राजनीति के जानकार सुमित्रा महाजन और कैलाश विजयवर्गीय की राजनीति को अच्छे से समझते हैं।
गत लोकसभा चुनाव के समय से ही बीजेपी में एक तरह से हाशिए पर होकर सक्रिय राजनीति से दूर इन्दौर की आठ बार सासंद रही सुमित्रा महाजन के प्रदेश विधानसभा चुनाव के ठीक पहले अचानक इस तरह मुखर होने से स्थानीय बीजेपी के साथ इन्दौर की राजनीति में भी हलचल मचा दी है कांग्रेसियों को तो बीजेपी को घेरने का बैठै बिठाए शानदार मौका मिल गया है, वे भी सुमित्रा महाजन के सुर में सुर मिलाते कहने लगे हैं कि सुमित्रा महाजन 30 साल तक इंदौर की सांसद रहीं वे केंद्र में मंत्री समेत कई संवैधानिक पदों पर रही हैं लेकिन बीजेपी ने अब उन्हें दूध से मक्खी की तरह निकालकर फेंक दिया है उनके बेटे को टिकट देना चाहिए जब कैलाश विजयवर्गीय अपने बेटे को टिकट दिलवा चुके हैं और आज उनका बेटा विधायक है केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल, नरेंद्र सिंह तोमर समेत बीजेपी के नेता अपने बेटों के लिए टिकट की मांग रहे हैं तो सुमित्रा महाजन को भी पीछे नहीं किया जाना चाहिए उनके बेटे को इस बार विधानसभा चुनाव में टिकट मिलना चाहिए।