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ओवर कान्फिडेन्स में निपट न जाए कैलाश विजयवर्गीय, अभी तो इन्दौर में कांग्रेस 4-5 की पोजीशन में

लेखक – आनन्द पुरोहित

नामांकन दाखिल करने और नाम वापसी की आखिरी तारीखों के साथ शुरू सप्ताह के, शुरूआती दो तीन दिन प्रत्याशियों सहित पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए भी भागमभाग वाले रहे । कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इन्दौर आकर नामांकन रैली निकाल मजमा जमाने की कोशिश की परन्तु भाजपा, निर्दलियों सहित अन्य पार्टियों के प्रत्याशियों की रेलमपेल में बात हवाहवाई सी ही रह गई। बागियों के भरें फार्म ने दोनों ही पार्टियों के प्रत्याशियों को परेशान किया…. कुछ के नाम वापस लेने के बाद कुछ को राहत मिली तो कुछ के समीकरण बिगड़ना शुरू हो गए।….. आलोच्य सप्ताह के पूर्व सप्ताह में जहां कांग्रेस इन्दौर विधानसभा की 9 सीटों पर 5-4 की बढ़त में नजर आ रही थी वहीं आलोच्य सप्ताह में 4-5 से पिछड़ते दिख रही है।

आलोच्य सप्ताह में विधानसभा वार स्थिति पर नजर डालें तो ऐसे नजारे नजर आ रहे हैं

1 नम्बर, विजयवर्गीय आगे पर आशंका शुरू –

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव के नामांकन दाखिल करने के बाद उनके नामांकन पत्र की जानकारी के आधार पर आक्रामक हुई कांग्रेस ने लगातार आरोपों की बौछार आलोच्य सप्ताह में शुरू की, कांग्रेसियों ने आरोप कैलाश विजयवर्गीय के साथ साथ निर्वाचन अधिकारी पर भी लगाए, मुख्य रूप से कैलाश विजयवर्गीय के बंगाल और भिलाई के मामले सुर्खियों में रहे….. हालांकि कैलाश विजयवर्गीय बड़े ही संयत तरीके से उनका सटीक जवाब दे अपनी जीत के कांफिडेंस के साथ अपनी विधानसभा छोड़ प्रदेश की अन्य विधानसभाओं में बीजेपी के प्रचार में व्यस्त रहे…. उनकी विधानसभा में प्रचार की जिम्मेदारी विधायक बेटे के साथ परिवार के अन्य सदस्यों ने संभाल ली। बढ़त में तो कैलाश विजयवर्गीय ही नजर आ रहे परन्तु कांग्रेस के आक्रामक बयान पर सालिड डिफेंस न होने से …. बढ़त कम न हो जाएं।

2 नम्बर, जीत के अंतर पर मेंदोला की नजर –

अत्यधिक मार्जिन से लगातार दो जीत के जहाज पर सवार भाजपा प्रत्याशी रमेश मेंदोला नामांकन दाखिल कर अपने चिरपरिचित अंदाज में जनसम्पर्क पर निकल पड़े और हर जनसम्पर्क में वो ही लोकप्रियता की झलक दिखाई देती रही, विरोधी कांग्रेस प्रत्याशी की भी कोशिश जनसम्पर्क करते ज़ारी है परन्तु जीत के अन्तर को प्रभावित करने की स्थिति में भी अभी नहीं ही दिखाई देते हैं इंतजार स्टार प्रचारक के आने के बाद की स्थिति का रहेगा।

3 नम्बर, अश्विनी के साथ आने से जम गया पिंटू का रंग –

तीन नम्बर में वैसे तो पिंटू जोशी स्व. पिता महेश जोशी की छाया में उनके पोस्टर सहित जनसम्पर्क करते उलटफेर के लिए कान्फिडेंट प्रत्याशी घोषित होने के बाद से ही है, और अब भाई अश्विनी जोशी की नाराजगी दूर हो के साथ में आ मैदान पकड़ लेने से और रंग जम गया है।…. गोलू शुक्ला आकाश विजयवर्गीय के विकास कार्यों के घोड़े पर सवार हो क्षेत्र का भ्रमण कर रहे जबकि, आकाश खुद तो एक नम्बर में पिता के जनसम्पर्क की बागडोर संभालते उधर ही व्यस्त हैं।

4 नम्बर, मालिनी गौड़ की बढ़त को नहीं छू पा रहे मांधवानी –

बीजेपी का अभेद किला बन चुकी इन्दौर की अयोध्या चार नम्बर में मांधवानी जाति के वोटो को ही सेट नहीं कर पा रहे हैं। शुरूआती दौर में तो सज्जनसिंह वर्मा ने साथ में भागदौड़ की पर अब वे भी अपनी सीट पर पहुंच गए हैं। मांधवानी अकेले किला लड़ाने की कोशिश कर रहे हैं परन्तु हारजीत के अन्तर में बढ़ोतरी की संभावना को रोकने की स्थिति में नहीं आ पा रहे हैं।

5 नम्बर, हार्डिया के खिलाफ आप्शन मिल गया मतदाताओं को –

विगत चुनाव में नामिनल डिफरेंस से जीत दर्ज करके इस बार उम्मीद न होने के बाद भी टिकट पा चुके हार्डिया रूठों को मना अपने पुराने कट्टर समर्थको के भरोसे रणनीति बना रहे हैं,….. परन्तु पूर्व संघ प्रचारकों की नवगठित जनहित पार्टी के सुभाष बारोड मतदाताओं के लिए उनके बदले, आप्शन साबित हो सकतें हैं।…. मजबूरन कांग्रेस और नोटा को वोट नहीं दे सकने वाले या यूं कहें कि कट्टर बीजेपी मानसिकता वाले भी बीस साल के इतिहास को देखते जनहित पार्टी प्रत्याशी को आप्शन मान सकते हैं, बहरहाल सत्यनारायण पटेल आश्वस्त हैं।

राऊ विधानसभा, चर्चा में पटवारी ही है –

पहले कमलनाथ सरकार में मंत्री, फिर प्रदेश कांग्रेस कार्यवाहक अध्यक्ष, जन आक्रोश यात्रा प्रभारी और इन सबके इतर साढ़े तीन साल की शिवराज सरकार के विधानसभा सत्रों के दौरान विधानसभा में भी किसानों सहित अन्य जनमानस के मुद्दे को उठाते… कभी आलू प्याज की बोरी, तो कभी गैस की टंकी कंधे पर लाद विधानसभा में ही ले जाते, लगातार चर्चा में बने रहे जीतू पटवारी को चर्चा में बने रहने के हुनर में पारंगतता प्राप्त हो गई है ….. जिसके चलते वे विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार करते भी चर्चा में बने हुए हैं,…. वहीं मधु वर्मा पांच साल तक क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहने के अपने वहीं तरीके को अपनाते शनै शनै बढ़त बनाने की और अग्रसर है, बढ़त कितनी बढ़ती अगले सप्ताह तक ही स्पष्ट हो पाएगा।

महू विधानसभा – विरोध से परेशान उषा ठाकुर तो विरोधी से रामकिशोर शुक्ला –

मान मनुहार के बाद बैठ जाने की संभावना को झुठलाते अंतरसिंह दरबार चुनाव मैदान में डटे हुए ही है, जिसके चलते कांग्रेस के रामकिशोर शुक्ला की पेशानी पर शिकन उभर आई है, तो पूर्व विधायक भाजपा की उषा ठाकुर को कतिपय क्षेत्रों में मतदाताओं के खुलकर ख़िलाफत करने के कारण परेशानी आ रही है।…. मंत्री रहते शायद प्रदेश में इतनी व्यस्त रही की अपनी विधानसभा में जीवंत सम्पर्क नहीं रहा, प्रतिनिधियों ने सक्रियता नहीं दिखाई, जिसके चलते अब कई मोहल्लों कालोनियों में मतदाताओं ने जनसम्पर्क के दौरान मुखर हो विरोध किया, कुछेक मोहल्लों में तो रहवासियों ने पोस्टर लगा दिए….. कि पांच साल तक गायब रहने वाली अब इधर मत आना उषा दीदी।… फिलहाल तो दोनों परेशान प्रत्याशियों में रामकिशोर शुक्ला फिर भी अपनी बढ़त बनाने के प्रति निश्चिंत हो रहे हैं दरबार फैक्टर को वो पार कर सकते हैं पर मतदाताओं का विरोध उषा ठाकुर के लिए भारी है।

देपालपुर विधानसभा, विशाल पटेल का रथ आगे –

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सभा होने के बावजूद भाजपा प्रत्याशी मनोज पटेल मजमा नहीं जमा पाएं, सभा की खाली कुर्सियों के वायरल विडियो ने बताया कि मतदाताओं का मन अब मुख्यमंत्री की रैम्प वॉक शैली देखने में नहीं लग रहा है। वैसे महू में जिस तरह कांग्रेस के अंतरसिंह दरबार राह के रोड़े बन अड़े हुए हैं वैसे ही देपालपुर मं बीजेपी के खिलाफ उनके है राजेंद्र चौधरी भी ख़िलाफत का लठ्ठ घुमा रहे हैं। विशाल पटेल प्रियंका गांधी की सभा क्षेत्र में होने की संभावना से काफी उत्साहित हैं जिसके चलते अपने जनसम्पर्क रथ को क्षेत्र में सरपट दौड़ा रहे हैं।

सांवेर विधानसभा, पहलवान तुलसीराम सिलावट की पकड़ हो रही ढीली –

उपचुनाव के साथ पिछले चुनाव में भी विजय हार पहन पांच साल मंत्री रहे भाजपा के तुलसीराम सिलावट लगातार क्षेत्र में सक्रिय हैं, परन्तु निकाय संस्था की निष्क्रियता के चलते कुछ मौकों पर परेशानी से जूझते नजर आएं….. और मौके से ही अधिकारियों को फ़ोन पर व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश देते दिखाई दिए, परन्तु मतदाताओं की मुखालिफत तो शुरू हो गई,….. कांग्रेस की रीना ने स्थिति को भांप मतदाताओं में पकड़ बनानी शुरू कर दी, लेकिन पिता प्रेमचंद गुड्डू के साथ आने की उम्मीद कांग्रेस से उनके निष्कासन के बाद नाउम्मीद में जरूर बदल गई। उधर मतदाताओं से संपर्क अच्छा चल रहा है, कुछ कर गुजरने की संभावना बनती दिख रही है अगर ऐसा होता है तो इन्दौर का सबसे बड़ा उलटफेर होंगा।

बहरहाल पिछले सप्ताह की मैदानी स्थिति से स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि इन्दौर 1, 2, 4 और सांवेर में तो भाजपा निर्विवादित रूप से बढ़त लेकर इन्दौर 3, 5, राऊ और देपालपुर में पिछड़ रही है, वहीं महू में ठाकुर का विरोध और दरबार की बगावत ने टसल की स्थिति बना दी है परन्तु दरबार फैक्टर ज्यादा प्रभावशाली होने से ठाकुर की उम्मीद जगी है। इस तरह आलोच्य सप्ताह के आंकड़े उसके पिछले सप्ताह में कांग्रेस की 5 – 4 की बढ़त वाली स्थिति में उलटफेर करते आलोच्य सप्ताह में भाजपा 5-4 से बढ़त की पोजीशन में आ गई है। 7 तारीख से पूर्वानुमानों और एक्जिट पोल पर निर्वाचन आयोग के प्रतिबंध के चलते 17 के बाद एक्सेक्ट पोजीशन बताएंगे तब तक राजनीतिक हलचल से मुखातिब होते रहेंगे।

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