भोपाल। स्थाई कर्मियों एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित वेतनमान का न्यूनतम वेतनमान का लाभ नहीं देने पर उच्च न्यायालय जबलपुर की एकल खंडपीड के जस्टिस जेएस अहलूवालिया ने मध्य प्रदेश शासन के आयुक्त नगरी प्रशासन विभाग आयुक्त कोष एवं लेखा प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को नोटिस जारी कर समय सीमा में जवाब मांगा है।
मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांत अध्यक्ष अशोक पांडे ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि लोक निर्माण विभाग में कार्यरत अमृतलाल कोरी एवं नगर निगम में कार्यरत राजकुमार तिवारी ने उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका का दायर करके नियमित वेतनमान का न्यूनतम वेतनमान का लाभ देने की मांग करी है याचिका के माध्यम से स्थाई कर्मी एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी ने उच्च न्यायालय को अवगत कराया है कि सर्वोच्च न्यायालय ने पंजाब राज्य की याचिका को निरस्त करते हुए विनियमित स्थाई कर्मियों एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को 10 साल की सेवा के बाद समान कार्य समान वेतन के सिद्धांत पर नियमित वेतनमान का न्यूनतम वेतनमान का लाभ देने का आदेश पारित करा है सर्वोच्च न्यायालय के उक्त आदेश का पालन करते हुए मध्य प्रदेश के स्थाई कर्मियों एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को भी 10 साल की सेवा के बाद नियमित वेतनमान का न्यूनतम वेतनमान का लाभ दिया जाए मध्य प्रदेश में स्थाई कर्मियों एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को 20 से 25 साल की सेवा के बावजूद भी सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के पालन में समान कार्य समान वेतन के आधार पर नियमित वेतनमान का न्यूनतम वेतन का लाभ विभागों में अधिकारी नहीं दे रहे हैं जबकि स्थाई कर्मी एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी भी नियमित कर्मचारियों के समान ही कर संपादित कर रहे हैं फिर भी अधिकारी स्थाई कर्मियों एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के अधिकारों का हनन कर रहे हैं स्थाई कर्मी एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी लंबे समय से नियमित वेतनमान का न्यूनतम वेतन देने की गुहार मध्य प्रदेश शासन से लगा रहे हैं।