भाजपा में बरकरार है नाराजगी
– प्रशांत भाऊ का नहीं दिख रहा असर
बालाघाट । जिले की 6 विधानसभा क्षेत्रों में सर्वाधिक टसल का चुनाव जो कल तक कटंगी विधानसभा क्षेत्र में दिख रहा था वह अब धीरे-धीरे कांग्रेस की ओर झुकता हुआ नजर आने लगा है। कांग्रेस के प्रत्याशी बोधसिंह भगत लगातार मजबूती के साथ आगे बढ़ते जा रहे है। वहीं दूसरी ओर भाजपा उम्मीदवार गौरव पारधी के विरूद्ध अभी भी स्थानीय पार्टी के नेताओं का रूख पहले जैसा ही स्पष्ट दिखाई दे रहा है। शुरू शुरू में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी प्रशांत भाऊ मेश्राम अच्छा खासा वोट लेने में सक्षम नजर आ रहे थे वह भी अब मैदान में ढीले पड़ते दिखाई देने लगे है। दरअसल कांग्रेस की रणनीति, सुनियोजित प्रचार और प्रत्याशी का अनुभव इन दोनों उम्मीदवारों पर भारी पड़ रहा है। इस विधानसभा चुनाव में पूरे प्रदेश के साथ कटंगी में भी दलित मतदाताओं का रूझान कांग्रेस की ओर दिखाई देता है और यही वजह है कि इस वर्ग का मतदाता भी प्रशांत भाऊ को समर्थन करने से अब पीछे हटने लगा है। जबसे बोधसिंह के पक्ष में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और दलित नेता मल्लिकार्जुन खडग़े ने कटंगी में चुनावी सभा ली है तभी से इस वर्ग पर उनके प्रभाव का असर स्पष्ट रूप से पड़ता दिखाई देने लगा है, वहीं कटंगी में बड़ी सं या में रहने वाला गोवारी समाज का रूझान कांग्रेस की ओर दिखाई देता है उसके नेता और समाजवादी पार्टी के उ मीदवार महेश सहारे भी कांग्रेस के समर्थन में चुनाव मैदान से हट गये है और बोधसिंह के समर्थन में क्षेत्र में जमकर प्रचार कर रहै है जिसका लाभ कांग्रेस को मिल सकता है। दलित मतदाताओं के सहारे मैदान में उतरे आम आदमी पार्टी के उ मीदवार को लेकर दलित समाज में आर्कषण कम होता जा रहा है। अब क्षेत्र में यह चर्चा चल रही है कि प्रशांत भाऊ सिर्फ वोट काटु उ मीदवार बनकर रह गये है। इसलिये इस वर्ग का मतदाता अपना मत बेकार में जाहिर करना नहीं चाह रहा है, यहीं स्थिति कमोवेश बसपा उ मीदवार उदयसिंह पंचेश्वर का नजर आता है। इस चुनाव में दलित वर्ग मुखर होकर कांग्रेस के साथ खड़ा दिखाई देता है, पंचेश्वर की रही सही उ मीद पर कांग्रेस की नेत्री हिना कावरे ने कटंगी में धुआंधार प्रचार कर पानी फेर दिया है। भारतीय जनता पार्टी ने भले ही युवा उ मीदवार गौरव पारधी को मैदान में उतारा है परंतु पार्टी के ही स्थानीय नेता अभी तक गौरव के पक्ष में खुलकर काम करने से बचते नजर आते है, दरअसल गौरव पारधी का रूखा व्यवहार और उनके साथ चल रहे बाहरी समर्थकों के चलते स्थानीय पार्टी के कार्यकर्ता और नेता पारधी से रूष्ठ नजर आते है, दरअसल पार्टी का एक बड़ा वर्ग कटंगी में गौरव को स्थापित होना देखना नहीं चाहता है, यही वजह है कि जब भी उसका प्रत्याशी या पार्टी का बड़ा नेता कटंगी पहुंचता है तो सभी साथ में दिखाई देते है, उनके जाते ही परिस्थिति पुरानी वाली निर्मित हो जाती है। भाजपा उ मीदवार जिस अंदाज में चुनाव प्रचार कर रहे है वह जनता को संतुष्ट नहीं करता है, और क्षेत्र में जबसे यह चर्चा चल पड़ी है कि गौरव को चुनाव मैनेज करना आता है। स्थानीय नेताओंं ने इसको एक चैलेंज के रूप में लिया है। भाजपा का इसी तरह से प्रचार चलता रहा तो ऊपरी तौर पर माहौल तो दिखाई देगा पंरतु परिणाम इसके ठीक विपरीत आने की संभावना बरकरार रहेगी।