Gahlot political : राहुल गांधी कांग्रेस के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार : गहलोत

मुंबई बैठक से पहले पीएम पद की दावेदारी घोषित, इंडिया गठबंधन की सहमति का दावा
New Dehli political news : कांग्रेस ने पीएम पद के लिए राहुल गांधी की दावेदारी घोषित कर दी गई है। यह ऐलान राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने मुंबई में होने वाली बैठक से पहले ही कर दिया है। उन्होंने राहुल गांधी के लिए इंडिया गठबंधन की सहमति का दावा भी किया है। गौरतलब है कि मुंबई में इंडिया गठबंधन की तीसरी बैठक होने वाली है। इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को 2024 के लोकसभी चुनाव में कांग्रेस पार्टी की तरफ से प्रधानमंत्री उम्मीदवार बताया है। गहलोत ने मीडिया के साथ बात करते हुए दावा किया है कि यह फैसला सभी दलों ने चर्चा और विचार-विमर्श के बाद किया है। इंडिया गठबंधन की आवश्यकता के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि जनता ने ऐसा दबाव बनाया, जिसके परिणामस्वरूप सभी विपक्षी दलों का गठबंधन हुआ है। गहलोत ने आगे कहा कि पीएम मोदी को अहंकारी नहीं होना चाहिए, क्योंकि 2014 में बीजेपी केवल 31 प्रतिशत वोटों के साथ सत्ता में आई थी। बाकी 69 प्रतिशत वोट उनके खिलाफ थे। उन्होंने कहा कि जब पिछले महीने बेंगलुरु में इंडिया गठबंधन की बैठक हुई, उसके बाद से एनडीए डरा हुआ है।
अशोक गहलोत ने एनडीए के 2024 के चुनाव में 50 प्रतिशत वोटों के साथ सत्ता में आने के लिए काम करने को लेकर कहा कि पीएम मोदी कभी भी इसे हासिल नहीं कर पाएंगे। जब मोदी अपनी लोकप्रियता के चरम पर थे, तो वह ऐसा कर सकते थे। उनका वोट शेयर घट जाएगा और 2024 के चुनाव के नतीजे तय करेंगे। अशोक गहलोत ने यह भी दावा किया कि पीएम मोदी 2014 में कांग्रेस की वजह से प्रधानमंत्री बने। उन्होंने पीएम मोदी की बोलने की शैली की आलोचना करते हुए कहा कि लोकतंत्र में भविष्य के बारे में भविष्यवाणी करना संभव नहीं है। यह निर्णय लोगों को करना चाहिए। सभी को उनकी पसंद का सम्मान करना चाहिए। पीएम मोदी ने कई वादे किए लेकिन जनता निराश है।
सीएम गहलोत ने चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग का श्रेय पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी को दिया। उन्होंने कहा, चंद्रयान-3 की सफलता में भी नेहरू का योगदान अहम है और मौजूदा उपलब्धियां इंदिरा गांधी और नेहरू की कड़ी मेहनत का नतीजा हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की स्थापना इसलिए की गई क्योंकि नेहरू ने वैज्ञानिक विक्रम साराभाई का सुझाव सुना था। उन्होंने कहा कि उस समय अंतरिक्ष केंद्र का नाम कुछ और था लेकिन इंदिरा गांधी के सत्ता में आने के बाद इसे बदलकर इसरो कर दिया गया।