Found a ruler like Goddess Ahilya who had handed over her entire rule to Lord Shiva : राम और कृष्ण की परम्परा को आदि शंकराचार्य के बाद देवी अहिल्या ने जारी रखा : योगी आदित्यनाथ

हमारे देश की सांस्कृतिक सीमा राजनैतिक बंधनों में कभी जकड़ी नहीं रही
– देवी अहिल्याबाई के पुण्यतिथि समारोह में शामिल हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ::
Found a ruler like Goddess Ahilya who had handed over her entire rule to Lord Shiva : राम और कृष्ण की परम्परा को आदि शंकराचार्य के बाद देवी अहिल्या ने जारी रखा। देश को 18 वीं सदी में देवी अहिल्या जैसी शासिका मिली जिसने अपना पूरा शासन भगवान शिव को सौंप दिया था। जो सनातन नहीं मिटा था रावण के अत्याचार से, जो सनातन नहीं मिटा था कंस के अहंकार से, जो सनातन नहीं मिटा था बाबर एवं औरंगजेब के तलवार से उस सनातन को यह तथाकथित लोग क्या मिटा पाएंगे? हमारे देश की सांस्कृतिक सीमा राजनैतिक बंधनों में कभी जकड़ी नहीं रही।
यह बातें उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देवी अहिल्या उत्सव समिति द्वारा उनके 228 वीं पुण्यतिथि पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहीं। रवीन्द्र नाट्यगृह के खचाखच भरे हाल में अपनी ओजस्वी वाणी से श्रोताओं को उद्वेलित करते हुए आपने कहा कि राम के नाम से शुरू किया गया कोई भी काम कभी नहीं रूकता। एक बार गांधीजी से भी किसी ने पूछा था कि देश में कैसा राज होना चाहिए तो उन्होंने कहा कि राम राज्य जैसा। उन्होने कहा कि इस देश में भारत, भारतीयता और सनातन धर्म प्रश्न उठाए जा रहे हैं वे लोग हिंदुस्तान के वैभवशाली इतिहास से परिचित नहीं है। मुख्यमंत्री ने राममनोहर लोहिया का स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने एक बार कहा था कि किसी व्यक्ति को उसके नहीं रहने के 50 वर्ष भी याद किया जाए तो वह सामान्य व्यक्ति नहीं हो सकता। आज देवी अहिल्या बाई को उनकी 228 वीं पुण्यतिथि पर स्मरण किया जा रहा है तो हम समझ सकते हैं कि उनका व्यक्तित्व कितना विशाल होगा। योगी ने महाभारत का उदाहरण देते हुए कहा कि भीष्म पितामह ने राजा युधिष्ठर से कहा था कि राजा कभी परिस्थिति का दास नहीं होता। वह अपने समय का खुद निर्माण करता है, अपने समय का विधाता होता है। योगी आदित्यनाथ ने सुमित्रा महाजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने संसद में हमारा मार्गदर्शन किया और हम उनके बताए रास्ते पर चलते हुए ही शासन कर रहे हैं।
सर्वप्रथम पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद ज्ञापित किया एवं कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि आज हमें योगी जी को सुनने का दुर्लभ अवसर मिल रहा है। स्वागत भाषण कार्यकारी अध्यक्ष अशोक डागा ने दिया। स्वागत इंदौर की जनता की ओर से महापौर पुष्यमित्र भार्गव एवं सांसद शंकर लालवानी ने किया। योगी का परिचय शरयू वाघमारे ने प्रस्तुत किया। स्मृति चिन्ह सुधीर देड़गे ने प्रदान किया। आभार सांसद शंकर लालवानी ने किया एवं संचालन मालसिंह ठाकुर ने किया।
:: धूमधाम से निकली देवी अहिल्या बाई की पालकी यात्रा ::
पालकी यात्रा संयोजक सांसद शंकर लालवानी ने बताया योगी आदित्यनाथ ने देवी अहिल्या की प्रतिमा को पालकी में विराजित किया। इसके बाद पालकी को गांधी हाल ले जाया गया। यहाँ से भव्य पालकी यात्रा अपने परम्परागत लाव लश्कर के साथ निकली। राजा एवं अहिल्या सेना के युवा युवती घोड़े पर सवार थे। राजकमल बैंड पर भजनों की धुन बज रही थी। बोहरा समाज का बैंड अपनी अलग ही आभा बिखेर रहा था।
मीडिया प्रभारी रामस्वरूप मूंदड़ा एवं नितिन तापड़िया ने बताया कि पालकी यात्रा का मार्ग पर कई मंचों से भव्य स्वागत किया गया। सभी मंच एक तरफ लगे थे। यात्रा में सुधीर दांडेकर, सौरभ खंडेलवाल, राजेश अग्रवाल, अनिल भोजे, अजय नरूका, विनीता धर्म, दीपिका नाचन, निलेश केदारे, कमलेश नाचन, मोनिका सबनीस, वंदना महस्कर सहित बड़ी संख्या में कायकर्ता उपस्थित थे। यात्रा गांधी हाल से एमजी रोड, कोठारी मार्किट, कृष्णपुरा छत्री, राजबाड़ा होते गोपाल मंदिर पहुंची जहां आरती एवं प्रसाद वितरण के साथ समापन हुआ।