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मुख्यमंत्री निवास के नाम से फर्जी फोन कॉल

चुनाव प्रचार का निकाला नया तरीका

इन्दौर । मतदान से एक दिन पहले यदि आपके मोबाईल पर अनजान कॉल आये और सामने वाला आपसे कहे कि वह मुख्यमंत्री निवास से बोल रहा है तो आप अचंभित हुए बिना नहीं रहेंगे| यही नहीं जब वह यह कहे कि आप इतना डर क्यूं रहे हैं? मतलब भले आप न डरें लेकिन वह डराने की कोशिश ही कर रहा होगा| ऐसा ही कुछ मामला इंदौर में सामने आया है, जिसमें कॉल करने वाले अनजान व्यक्ति ने खुद को पहले तो मुख्यमंत्री निवास का होना बताया फिर जब उससे सवाल किये गये तो डराते-धमकाते हुए मतदान प्रोत्साहन की बात करने लग गया|

जानकारी अनुसार एक फर्जी कॉल के जरिये चुनाव प्रचार करने वाले ने खुद को पहले तो योग संस्था का सदस्य बताया और फिर दोबारा कॉल करने पर उसने खुद को मुख्यमंत्री निवास से जुड़ा हुआ बताया| जब बात बनती न दिखी तो उसने कहा कि वह चुनाव में मतदान प्रोत्साहन के लिए कॉल कर रहा है| इस पर जब उसे बताया गया कि वो एक पत्रकार से बात कर रहा है तो वह भड़क गया और उसने धमकी देते हुए यहां तक कह दिया कि जो छापना है छाप दो| दरअसल संबाददाता ने उससे सीएम हाउस से जुड़े होने पर कुछ सवाल किये थे, जिसे पर उसे अपनी असलियत खुलती नजर आई तो उसने डराने की कोशिश की और फिर धमकाते हुए कहा कि पहले लिस्ट चेक कर लूं कि आखिर आपको फोन क्यों किया गया है| फिर आपसे बात करता हूं| इस प्रकार यह पूरा मामला चुनाव प्रचार का एक नया तरीका इजाद करने जैसा लगता है, जिसमें एक अनजान व्यक्ति आपसे कहता है कि वह सीएम हाउस से बोल रहा है और आप डरते क्यों हो| फोन करने वाला किसी पार्टी से जुड़ा हुआ सदस्य भी हो सकता है, क्योंकि इस तरह के कारनामें चुनाव प्रचार खत्म होने के समय सामने आते ही आते हैं| अनजान कॉल करने वाले ने खुद का नाम प्रतीक मालवीय बताया जिसका मोबाइल नंबर भी प्रदर्शित हुआ है| कुछ समय पश्चात उसी नंबर पर दोबारा कॉल करने पर कॉल रिसीव करने वाले ने अपना नाम शिव ठाकुर बताया| इस पूरे मामले में कॉल करने वाले को मुख्यमंत्री निवास से होना बताया गया जो शंका उत्पन्न करता है| इसकी जांच होने पर ही असलियत सामने आ सकती है| शिव ठाकुर नामक व्यक्ति ने अपनी योग संस्था का नाम हार्टफील नेम बताया जिसे वह राष्ट्रीय स्तर की बता रहा था|

मतदाता जागरूकता या चुनाव प्रचार?

मुख्यमंत्री निवास से बोलने वाले इस कथित व्यक्ति ने कहा कि आपको मतदान के अडतालीस घंटे पहले कोई कॉल नहीं करेगा| जैसे ही चुनाव प्रचार-प्रसार बंद हो जाता है कॉल भी बंद हो जाते हैं| ऐसे में यह भी साबित होता है कि मुख्यमंत्री निवास के नाम का उल्लेख कर कहीं यह चुनाव प्रचार तो नहीं कर रहे थे, जो कि चुनाव आचार संहिता का घोर उल्लंघन है|

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