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करीना कपूर की दमदार डायलॉग डिलीवरी और 25 साल का फिल्मी सफर

*मुंबई**: बॉलीवुड की चर्चित फिल्म *हिरोइन* में करीना कपूर खान की डायलॉग डिलीवरी ने दर्शकों को खूब प्रभावित किया। करीना, जो किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं, इस फिल्म में मुख्य भूमिका में हैं। उनकी निजी और सार्वजनिक जिंदगी हमेशा से चर्चा का विषय रही है, और करीना भी इसे छुपाने की बजाय खुलकर जीने में विश्वास रखती हैं। हिंदी सिनेमा में अपने 25 साल पूरे कर चुकीं करीना आज भी उतनी ही लोकप्रिय हैं, जितनी अपने शुरुआती दिनों में थीं। इस खास मौके पर उनकी कई फिल्मों का जश्न मनाया जा रहा है, जिन्होंने न केवल उन्हें नई पहचान दी, बल्कि दर्शकों को कपूर परिवार के एक और प्रतिभाशाली सदस्य से परिचय करवाया।

करीना कपूर ने अपने करियर की शुरुआत 2000 में आई फिल्म *रिफ्यूजी* से की थी। भले ही यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कोई खास कमाल नहीं दिखा पाई, लेकिन करीना के करियर को एक अलग दिशा देने में महत्वपूर्ण रही। रणधीर कपूर और बबीता की छोटी बेटी बेबो ने अपनी फिल्मों के जरिए कई यादगार किरदार निभाए हैं। *कभी खुशी कभी गम* की ‘पू’ का किरदार आज भी दर्शकों के दिलों में ताजा है, जिसमें उनका मशहूर डायलॉग “कौन है जिसने पू को मुड़कर नहीं देखा?” आज भी याद किया जाता है।

करीना के डायलॉग्स हमेशा से ही सशक्त और प्रेरणादायक रहे हैं, जैसे *चमेली* का “दुनिया हाथ लगाने के लिए पैसा देती है!” या फिर *ऐतराज* का “हमेशा मर्द ही गलत नहीं होता, औरत भी गलत हो सकती है।” इन डायलॉग्स के जरिए करीना ने महिला सशक्तिकरण को सही मायनों में परिभाषित किया।

करीना का नाम अक्सर विवादों से भी जुड़ा रहा है, खासकर उनके रिलेशनशिप और शादी को लेकर। सैफ अली खान से उनकी शादी और उनके बच्चों तैमूर और जहांगीर के नाम को लेकर काफी चर्चाएं हुईं, लेकिन करीना का मशहूर डायलॉग “मैं अपनी फेवरेट खुद हूं” इन सभी सवालों का जवाब देता है।

वर्तमान में करीना अपनी उम्र के हिसाब से फिल्मों में भूमिकाएं चुन रही हैं। वह पेड़ों के पीछे दौड़ने वाली किरदारों से हटकर ऐसे किरदार निभा रही हैं, जो उनके व्यक्तित्व और अनुभव के अनुकूल हैं। हाल ही में आई *बर्किंघम मर्डर्स* जैसी क्राइम थ्रिलर में उन्होंने न केवल अभिनय किया, बल्कि इसका निर्माण भी किया। फिल्म को हालांकि अपेक्षित सफलता नहीं मिली, लेकिन करीना की एक्टिंग को खूब सराहा गया।

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