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उन महिलाओं को बधाई जो अपनी बातों पर डटी रहीं : खुशबू सुंदर

एक्ट्रेस खुशबू सुंदर का छलका दर्द
मुंबई  मलयालम फिल्म इंडस्ट्री से हेमा कमेटी की रिपोर्ट सामने आने के बाद कई चौकाने वाले खुलासे हुए हैं। हाल ही में एक्ट्रेस और बीजेपी नेता खुशबू सुंदर ने एक लंबा-चौड़ा पोस्ट शेयर कर अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न का खुलासा किया है। खुशबू सुंदर ने अपने पोस्ट में लिखा- हमारी इंडस्ट्री में मीटू मूवमेंट ने हमें तोड़ दिया है। उन महिलाओं को बधाई जो अपनी बातों पर डटी रहीं और विजयी रहीं।
इस तरह के अब्यूज को रोकने के लिए हेमा कमेटी रिपोर्ट की बहुत जरूरत थी। लेकिन क्या ऐसा होगा? अब्यूज, से अल फेवर की मांग, और करियर में आगे बढ़ने के लिए समझौता करने की उम्मीद में हर फील्ड में होता है। एक महिला से अकेले ही यह अपेक्षा क्यों की जाती है कि वह इस कष्ट से गुजरे? हालांकि पुरुषों को भी इसका सामना करना पड़ता है, लेकिन इसका खामियाजा मुख्य रुप से महिलाओं को भुगतना पड़ता है। उन्होंने आगे लिखा- मैंने इस मुद्दे पर अपनी 24 साल और 21 साल की बेटियों से लंबी बातचीत की। पीड़ितों के प्रति उनकी सहानुभूति और समझ देखकर मैं हैरान रह गई। वे दृढ़ता से उनका समर्थन करती हैं और इस समय उनके साथ खड़ी हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप आज बोलेंगे या कल, बस बोलें। तुरंत बोलने से सही जख्म से उबरने और मामले की अधिक प्रभावी ढंग से जांच करने में मदद मिलेगी। शर्मिंदा होने का डर, पीड़ित पर दोषारोपण, और आपने ऐसा क्यों किया? जैसे प्रश्न। या आपने ऐसा क्यों किया? जैसे सवाल उन्हें तोड़ देते हैं। पीड़िता आपके या मेरे लिए अजनबी हो सकती है, लेकिन उसे हमारे समर्थन, सुनने के लिए कान और हम सभी के भावनात्मक समर्थन की ज़रूरत है। जब यह सवाल किया गया कि वह पहले सामने क्यों नहीं आई, तो हमें उसकी परिस्थितियों पर विचार करने की ज़रूरत है – हर किसी को बोलने का विशेषाधिकार नहीं है।
कुछ लोग मुझसे पूछते हैं कि मुझे अपने पिता के अब्यूज के बारे में बोलने में इतना समय क्यों लगा। मैं सहमत हूं कि मुझे पहले बोलना चाहिए था। लेकिन मेरे साथ जो हुआ, वह मेरे करियर को बनाने के लिए कोई समझौता नहीं था। मेरे साथ उस व्यक्ति के हाथों दुर्व्यवहार हुआ जो मेरे गिरने पर मुझे थामने के लिए सबसे मजबूत हाथ था। खुशबू सुंदर ने लिखा- एक महिला और एक मां के रूप में, ऐसी हिंसा से मिले घाव न केवल शरीर में बल्कि आत्मा में भी गहरे घाव करते हैं। क्रूरता भरे ये काम हमारे विश्वास, हमारे प्यार और हमारी ताकत की नींव को हिला देते हैं। हर मां के पीछे पालन-पोषण और सुरक्षा करने की इच्छा होती है और जब वह पवित्रता टूट जाती है, तो इसका प्रभाव हम सभी पर पड़ता है।

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