मंहगाई भत्तों को लेकर कर्मचारी की पीड़ा

4% महंगाई भत्ता 1 जनवरी से 6 महीने का एरियर सहित तीन किस्तों में मिलेगा मैं थोड़े से में ही खुश हो जाता हूं क्योंकि सरकारी कर्मचारी हूं 42 महीने का मैं भूल चुका हूं जब कि नारे यही लगाता हूं “कर्मचारी कर्मचारी भाई भाई लड़के लेंगे पाई पाई,, हम अपना अधिकार मांगते नहीं किसी से भीख मांगते## अब इन नारों को याद करते हुए हंसी आती है यदि इतना नुकसान हमारा भाई रिश्तेदार कर दें तो उसे हम चोर बेईमान साबित कर देंगे लेकिन अपने नुकसान को लेकर गंभीर नहीं हूं। नुकसान होने के बाद भी प्रशंसा करना चाटुकारिता करना यदि सीखना है तो मैं एक कर्मचारी हूं मुझ से सीखा जाए। हमारी दुकान भी चलती रहे और ग्राहकों को नुकसान होता रहे फिर भी दुकान में घटिया ब्रांड का सामान है उसकी जय जयकार करते रहें । यह कला उन लोगों से पूछो जो नुकसान करने के बाद भी स्वागत कर रहे हैं बधाइयां दे रहे हैं। क्या टाइम आ गया है । फटे जूते में भी लोग अच्छे तरीके से चल रहे हैं बगल में खड़े होकर उनके ऐसे मुस्कुराते हैं। जैसे जन्नत मिल गई हो आखिर क्यों नहीं मैं सबसे बड़ा गुलाम हूं और मेरी गुलामी की पराकाष्ठा यही है कि मुझे चिल्लाना है करना नहीं है करने के लिए ओरिजिनल दम नहीं है, जो दानवीर कह रहे हैं बहुत मिल गया वह केवल 6 महीने किसी को 500–500 दे दें फिर ना मिलने पर उनकी भाषा क्या होगी अपने आप में आकलन करें खैर किसको समझाऊंगा, सोते हुए को तो जगा सकता हूं लेकिन यह सोते हुए का नाटक जो कर रहे हैं इनको कैसे जगा पाऊंगा डॉक्टर भी जिंदा पर ही दवाई देते हैं इलाज देते हैं मरे हुए को तो वह भी डेथ सर्टिफिकेट जारी कर देते हैं तो मैं तो इंसान हूं डॉक्टर नहीं मरे हुए को कहां में जगा पाऊंगा क्योंकि मैं एक कर्मचारी हूं डरा हुआ हूं मेरे को बहुत मिल गया है बड़ा खुश हूं।*