आजादी से लेकर अब तक गांव की सड़क न बनने से ग्रामीणों के साथ विद्यार्थियों को हो रही खासी परेशानी
ललितपुर । देश और प्रदेश की मौजूदा मोदी और योगी सरकार विकास के लिए जानी जाती है। हाल ही में मोदी सरकार के नेतृत्व में चांद पर चंद्रयान 3 सफलतापूर्वक भेजा गया और अब सूर्य की बारी है, जहां के लिए भी एक यान भेज दिया है। इस सफलता से भारत वर्ष का कद विदेश में भी उच्च स्तर पर पहुंचा है। लेकिन जनपद की जो तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई हैं, वह वाकई में बेहद शर्मनाक हैं। यह तस्वीर शर्मनाक इसलिए है कि हमारा देश तरक्की के पायदान पर चढ़ते हुए उच्च स्तर पर पहुंच रहा है और विकास की होड़ करने वाली प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री के चुनावी क्षेत्र के गांव की सड़क आजादी के बाद से लेकर अब तक नहीं बन पाई है। यह सड़कें इतनी बदहाल है कि बरसात में उन सड़कों से पैदल चलना दुबर हो जाता है। जिसका जीता जागता नमूना उस समय देखने को मिला, जब स्कूल जा रहे विद्यार्थियों को अपने जूता चप्पल हाथ में लेने पड़े और दिव्यांग विद्यार्थी की साइकिल को हाथों में और विद्यार्थी को गोद में लेकर कीचड़ भरे रास्तों से विद्यालय तक पहुंचाया गया। यह नजारा थाना पाली क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम रमपुरा का है, जहां ग्रामीणों से लेकर स्कूली बच्चे यहां की सड़कों पर पैदल चलने में कतराते हैं क्योंकि यहां की सड़क कीचड़ और गंदगी से भरी हुई है, जो प्रदेश सरकार के स्वच्छता मिशन को पलीता लगाने के लिए काफी हैं।
मिली जानकारी के अनुसार दो दिन पूर्व सोशल मीडिया पर कुछ फोटो वीडियो वायरल हुए जिनमें कुछ बच्चे अपने हाथ में जूता चप्पल लेकर स्कूली ड्रेस में बाग लिए हुए कीचड़ और गंदगी भरी सड़कों से निकलते हुए नजर आ रहे थे। इसी बीच कुछ स्कूली बच्चे एक दिव्यांग स्कूली बच्चे की ट्राई साइकिल लेकर चल रहा था, तो एक छात्र उसे अपनी गोदी में उठाकर कीचड़ भरे रास्तों को पार करवाने में मदद कर रही थी। इस मामले की जब जानकारी की गई तब पता चला कि जहां की तस्वीर वायरल हो रही हैं वह गांव रामपुरा है जो थाना पाली इलाके और विकासखंड बिरधा क्षेत्र में आता है। यह भी जानकारी मिली है कि उक्त गांव योगी सरकार के श्रम सेवायोजन राज्य मंत्री मनोहर लाल पथ मन्नू कोरी का चुनावी क्षेत्र है, जहां से वह दूसरी बार जीत कर प्रदेश सरकार में श्रम सेवायोजन राज्य मंत्री के पद पर सुशोभित हुए हैं और पिछले करीब 8 वर्षों में उन्होंने चुनाव जीतने के बाद इस गांव की तरफ मुड़कर भी नहीं देखा। यह भी आरोप है कि गांव के भाजपाई भरत सिंह लोधी और उसे इलाके भाजपा कार्यकर्ताओं ने राज्य मंत्री के साथ-साथ क्षेत्रीय सांसद अनुराग शर्मा को यहां की सड़कों की स्थिति के बारे में पत्र लिखकर फोटो भेज कर अवगत कराया और उनके निर्माण करने के संबंध में कई बार पत्राचार किया। लेकिन संसद और राज्य मंत्री दोनों ही गुमसुम रहे और इस तरफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया। जबकि सांसद बनने से पूर्व अनुराग शर्मा ने यह घोषणा की थी कि यदि क्षेत्र के विकास में उन्हें अपना स्वयं का पैसा भी लगाना पड़े तो वह लगाने से पीछे नहीं हटेंगे । उन्होंने यह भी कहा था कि जो निधि सरकार उन्हें इलाके के विकास के लिए देगी, उतनी ही निधि वह अपने स्वयं के खर्चे से इलाके के विकास में खर्च करेंगे। लेकिन उनके सभी वादे पानी पर बने बुलबुल की तरह साबित हुए, जो चुनाव के समय किए गए थे और उसके बाद वह भूल गए। इस इलाके के लोगों का कहना है कि इन पिछड़े हुए गांव में विधायक सांसद सिर्फ वोट मांगने के लिए आते हैं और उसे समय वह बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन जब वह चुनाव जीत जाते हैं तब इस तरफ मुड़कर भी नहीं देखते। गांव के बुजुर्गों का कहना है कि आजादी के बाद से लेकर अब तक इस इलाके में ऐसे कई गांव हैं जहां के लोग आज भी नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। बताया गया है कि पाली की कुरियन से रमपुरा तक की सड़क काफी खराब है जिसे बनवाया जाना आवश्यक है। यह भी जानकारी मिली है कि यदि रामपुरा गांव में किसी की तबीयत खराब हो जाए तो बरसात के दिनों में वहां एंबुलेंस तक नहीं पहुंचती, बल्कि वहां से बीमार व्यक्ति को चारपाई पर रखकर अन्य ग्रामीणों के सहारे अस्पताल तक पहुंचाना पड़ता है। एक बार इस गांव का एक वीडियो भी वायरल हो चुका है जिसमें एक बीमार व्यक्ति को कुछ ग्रामीण दलदल वाली सड़कों से लेकर चलते हुए पाली तक पहुंचे थे।