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दोस्ती टूटने के डर से स्कूली छात्राएं एक साथ घर छोड़ ट्रैन से पहुंची राजस्थान

भोपाल। बचपन से एक साथ स्कूल में पढ़ने वाली दो किशोरियो से उनके परिजनो ने जब नंबर अच्छे नहीं आने पर स्कूल बदलने का कहते हुए डरया तब छात्राओ को लगा की स्कूल बदलने से उनकी पक्की दोस्ती टूट जायेगी। दोस्ती में दूरी होने की बात उन्हें मंजूर नहीं थी, इसके लिये छात्राऐं एक साथ घर छोड़कर ट्रैन में बैठ कर राजस्थान के उदयपुर पहुंच गई। गनीमत रही कि उनके साथ कोई अनहोनी नहीं हुई और रेल्वे पुलिस ने नजर पड़ने पर दोनो को अभिरक्षा में लेकर चाइल्ड लाइन के जरिये कांउसिलिंग के बाद उनके परिजनो तक सकुशल पहुंचा दिया।

जानकारी के अनुसार काउंसलिंग में सामने आया कि भोपाल में रहने वाली दोनो किशोरियां एक निजी स्कूल में बचपन से एक साथ एक ही क्लास में पढ़ती आई हैं। उनके घरो के बीच भी अधिक दूरी नहीं है। उनके बीच इतनी गहरी दोस्ती है, कि वह क्लस में भी एक साथ ही बैठती हैं, और स्कूल में सारा समय साथ रहती हैं। लॉकडाउन के बाद भी दोनो एक दूसरे के घर पर मिलती रहती थी। काउसिंलिग में छात्राओ ने आगे बताया कि बीते साल उन दोनों का रिजल्ट अच्छा नहीं आने पर एक बच्ची के परिजनो ने उसे डराते हुए कहा कि यदि हॉफ ईयरली में उसके नंबर अच्छे नहीं आये तो वो उसका एडमिशन दूसरे स्कूल में करवा देंगे। बाद में दोनों हॉफ ईयरली परीक्षा में एक विषय में फेल हो गई। इस पर उन्हें लगा कि अब उनके माता-पिता उनका एडमिशन दूसरे स्कूल में करवा देंगे और उनकी दोस्ती टूट जाएगी। इस डर से दोनों ने आपस में बातचीत की और घर से निकल गई। रेल्वे स्टेशन पहुंचने पर सामने एक ट्रेन नजर आई दोनो किशोरियां बिना सोचे समझे उसमें सवार हो गई और उदयपुर पहुंच गई। गनीमत रहीं कि यहां रेलवे पुलिस की नजर उन पर पड़ गई और संदेह होने पर उन्हें रेस्क्यू कर चाइल्ड लाइन और बाल कल्याण समिति के हवाले कर दिया गया। वहॉ छात्राओ की काउंसलिंग के साथ ही उन दोनो के परिजनो को भी नाबालिगो को इस तरह से न डराने की समझाइश दी गई। बाद में दोनो बच्चियों को परिजन को सौंप दिया गया।

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