डॉक्टरों ने एमबीबीएस एड्मिशन की मनाई गोल्डन जुबली
भोपाल । मन तड़पत हरि दर्शन को आज, दीवाना हुआ बादल, आपके हसीन रुख पर, मेरे महबूब कयामत होगी तथा ज़िंदगी भर नहीं भूलेगी ये बरसात की रात…. जैसे सड़बहर हिन्दी फिल्मी गीतों की स्वरलहरियों पर आज शाम होटल पलाश का कॉन्फ्रेंस हाल झूम उठा। मौका था गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल के वर्ष 1973 बैच के 50 से अधिक डॉक्टरों का गोल्डन जुबिली रीयूनियन कार्यक्रम का। इन सभी चिकित्सकों ने रविवार को अपने एमबीबीएस एड्मिशन की गोल्डन जुबली मनाई।
म्यूज़िकल ईवनिंग में जिन डाक्टरों ने गीत पेश किए उनमे डॉक्टर टी एन दुबे, डॉ पारस, तथा डॉ शैलेंद्र शुक्ल शामिल थे। वहीं डॉ नाहर ने कविता पाठ किया तो डॉ बड्वे ने अपने चुटकुलों से सभी को लोटपोट किया। इस दौरान संगीत की धुन पर सभी डाक्टर जमकर थिरके भी।
दिन भर चले इस सेलीब्रेशन की शुरुआत सुबह 10 बजे गांधी मेडिकल कॉलेज में एक समारोह के साथ हुई, जिसमें डॉक्टरों ने अपने शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त किया। समारोह में, डॉक्टरों ने अपने शिक्षकों को सम्मानित किया और उनके मार्गदर्शन और सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। इस अवसर पर डॉक्टरों ने देवी सरस्वती की एक मूर्ति भी भेंट की। साथ ही उन मित्र चिकित्सकों को भावभीनी श्रद्धांजलि भी दी गई जो अब इस दुनिया में नहीं हैं।
इस समारोह के बाद दोपहर 2 बजे से मिन्टो हॉल में एक मिलन समारोह आयोजित किया गया जिसमें इस बैच के डॉक्टर अपने परिवारों के साथ एकत्रित हुए और एक साथ समय बिताया, जहां उन्होंने अपने मेडिकल कॉलेज के दिनों की यादें साझा कीं। इस अवसर पर, डॉक्टरों ने अपने साथियों के साथ पुराने समय को याद किया और एक-दूसरे के साथ जुड़ने का आनंद लिया।
शाम 7 बजे सभी डॉक्टर होटल पलाश पहुंचे जहां उन्होने एक म्यूज़िकल ईवनिंग में ऑर्केस्ट्रा की धुन पर डांस किया। कुछ चिकित्सकों ने इस दौरान पुराने हिन्दी फिल्मी गीत गाकर कॉलेज के दिनों की यादों को ताजा किया।
इस अवसर एक चिकित्सक ने कहा, “यह हम सभी के लिए एक अविस्मरणीय दिन था। हम सभी ने इन पलों को अपने शिक्षकों, मित्रों और परिवारों के साथ पूरी जिया। इस दिन को हम ताउम्र नहीं भुला पाएंगे।“