दैनिक वेतन भोगियों की मुख्यमंत्री से महापंचायत बुलाने की मांग
अपनों पर सितम गैरों पर करम कर रही सरकार,
दैनिक वेतन भोगियों ने मुख्यमंत्री को पत्र सौंपकर महापंचायत बुलाने की मांग की
Bhopal Daily wage earners mahapanchayat news : दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने अपना खून पसीना बहाकर 2003 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाई थी लेकिन सरकार ने 18 वर्ष में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को घोषणा पत्र में वादा करने के बावजूद भी नियमित नहीं किया है आज भी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कुशल अर्ध कुशल श्रमिक कुशल श्रमिक के रूप में 20-20 साल से नौकरी कर रहे हैं जबकि सरकार महापंचायत बुलाकर संविदा कर्मचारी आशा उषा कार्यकर्ताओं रोजगार सहायकों को सरकारी सौगात दे चुकी है सरकारी कर्मचारी बना रही है अब आतिथ शिक्षकों को भी 2 तारीख को सौगात देने का फरमान जारी कर चुकी है दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी लंबे समय से अपने नियमित कारण की मांग कर रहे हैं सातवें वेतनमान की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार मांग की उपेक्षा कर रही है आज दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र सौंपकर मांग करी है कि एक सप्ताह में स्थाई कर्मी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की महापंचायत बुलाई जाए अन्यथा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी आर पार का महा धरना भोपाल में करके सरकार को ईट का जवाब पत्थर से देने का काम करेंगे।
मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांत अध्यक्ष अशोक पांडे ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया है कि सन् 2002 में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के धरने में आकर घोषणा करी थी कि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाने में मदद करें सरकार बनी तो दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को बहाल भी किया जाएगा और नियमित भी किया जाएगा लेकिन सरकार के 18 वर्ष के कार्यकाल में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित नियुक्ति देने की कार्रवाई करने के आदेश जारी नहीं किए गए अब चुनावी वर्ष में भी सरकार दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को नियमित करने की घोषणा नहीं कर रही है जिस कारण प्रदेश के डेढ़ लाख स्थाई दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों में भयंकर असंतोष व्याप्त हो गया है सरकार अपनों पर सितम और गैरों पर करम करने का काम कर रही है अतिथ शिक्षक एक अल्प समय के लिए अपनी सेवा देते हैं जबकि स्थाई कर्मी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी 20-20 वर्ष से निरंतर सरकार की सेवा कर रहा है और अब उम्र दराज भी हो गया है हजारों दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी बिना नियमित कारण के ही नहीं सेवानिवृत हो गए हैं और हजारों दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी सेवानिवृत्ति की कगार पर है सरकार दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को कार्यभारित सेवा नियम लागू करते हुए नियमित कारण की सौगात दे सातवां वेतनमान देने का निर्णय ले पुरानी पेंशन का लाभ दे जिससे दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी का भविष्य भी उज्जवल हो और दैनिक वेतन भोगी स्थाई कर्मी की सरकार को आगामी चुनाव में परिणाम देने का काम करें।