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भारत में ‎निवेश न करने के फैसले से नुकसान में रहेगा टेस्ला: ओला कैब

टेस्ला की आर्थिक चुनौतियों के कारण कंपनी भारत में और निवेश नहीं करेगी
नई दिल्ली । ओला कैब्स के एक व‎रिष्ठ अ‎धिकारी ने कहा ‎कि भारतीय बाजार में निवेश न करने का टेस्ला का फैसला अमेरिका की इस कंपनी के लिए एक बड़ा नुकसान है। भारत के लिए नहीं। एक्स पर एक पोस्ट में अ‎धिकारी ने कहा ‎कि अगर यह सच है, तो यह टेस्ला का नुकसान है, भारत का नहीं। हालांकि भारत में इलेक्ट्रिक वाहन और लिथियम का क्षेत्र अभी शुरुआती दौर में है, लेकिन हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। जब टेस्ला कुछ सालों बाद फिर से भारत को गंभीरता से देखेगी, तब तक बहुत देर हो चुकी होगी। एक रिपोर्ट के अनुसार, टेस्ला ने भारतीय अधिकारियों की पूछताछ का जवाब नहीं दिया है और अब उम्मीद नहीं है कि वह भारत में निवेश करेगी। यह खबर एलन मस्क के भारत दौरे को टालने के बाद आई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि टेस्ला की आर्थिक चुनौतियों के कारण कंपनी भारत में और निवेश की योजना नहीं बना रही है। टेस्ला की ग्लोबल सेल्स इस तिमाही में लगातार दूसरी बार कम हुई है और उसे चीन से कड़ा कंपटीशन मिल रहा है। इसके अलावा, कंपनी ने नौकरियों में कटौती की घोषणा की है, अपने मुख्य साइबरट्रक स्टॉल को बेच दिया है और मेक्सिको में अपने प्लांट के निर्माण को टाल दिया है। रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि अब सरकार भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के उत्पादन को बढ़ाने के लिए महिंद्रा एंड महिंद्रा और टाटा मोटर्स जैसी घरेलू कंपनियों पर ध्यान दे सकती है। अप्रैल में मस्क ने भारत की यात्रा रद्द कर दी थी, जहां वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने वाले थे। बताया जा रहा है कि यह यात्रा कंपनी में जरूरी कामों के कारण रद्द हुई। इस साल मार्च में, भारत सरकार ने 41.5 अरब रुपए (500 मिलियन डॉलर) की इलेक्ट्रिक वाहन नीति को मंजूरी दी थी। इस नीति में वैश्विक ईवी निवेश को आकर्षित करने और भारत को एडवांस ईवी के लिए एक बड़ा निर्माण केंद्र बनाने के लिए कई प्रोत्साहन दिए गए हैं।

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