मुंबई: cGMP आधारित फार्मास्यूटिकल API विनिर्माण में अग्रणी, सुप्रिया लाइफसाइंस लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही के नतीजे जारी किए, जिसमें कंपनी ने साल-दर-साल राजस्व में 18.6% वृद्धि का प्रदर्शन किया है। एंटी-हिस्टामाइन, एंटी-एलर्जिक, विटामिन, एनेस्थेटिक और एंटी-अस्थमेटिक जैसे उत्पादों में विशेषज्ञता रखने वाली इस कंपनी का कारोबार 86 से अधिक देशों में फैला है।
Q2 FY25 में मुख्य आंकड़े:
राजस्व में 166.1 करोड़ रुपये तक की वृद्धि, जो वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में 140.1 करोड़ रुपये थी।
सकल लाभ में 53.1% की बढ़ोतरी, 120.13 करोड़ रुपये दर्ज, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 78.46 करोड़ रुपये था।
EBITDA में 103.8% वृद्धि, 64.72 करोड़ रुपये, जो वित्त वर्ष 2024 की इसी तिमाही में 31.75 करोड़ रुपये था, EBITDA मार्जिन 39.0% तक बढ़ा।
PAT में 46.15 करोड़ रुपये, जो पिछले वर्ष की दूसरी तिमाही में 23.88 करोड़ रुपये था। PAT मार्जिन 27.8% तक बढ़ा।
एनेस्थेटिक और एनाल्जेसिक सेगमेंट की प्रमुख भूमिका के कारण, इनका योगदान कुल राजस्व में 54.9% तक बढ़ा।
यूरोपीय बाजार का भी वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में योगदान 45% रहा। कंपनी ने एनेस्थेटिक और एंटी-हाइपरटेंसिव उत्पादों में ANDA परियोजनाएं शुरू की हैं और क्षमता उपयोग 86% तक पहुँच गया है।
सुप्रिया लाइफसाइंस लिमिटेड के WTD, डॉ. सतीश वाघ ने कहा, “हमारे R&D और वैश्विक विस्तार के जरिए नए ग्राहक और बाजारों को जोड़ने की योजना जारी है। हाल ही में यूरोप की प्रमुख कंपनी के साथ 10 साल का अनुबंध हमारे रासायनिक विशेषज्ञता और बाजार में पकड़ को और मजबूत करता है। लोटे परशुराम की क्षमता बढ़ाकर 1,020 किलोलीटर करने की योजना के साथ, हम एक मजबूत भविष्य की ओर अग्रसर हैं।”
कंपनी के इस वित्तीय प्रदर्शन से यह स्पष्ट है कि सुप्रिया लाइफसाइंस अपनी वैश्विक उपस्थिति को बढ़ाते हुए भारतीय API उद्योग में शीर्ष स्थान की ओर अग्रसर है।