
पुणे। एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी (MIT-WPU) 19 जुलाई, 2024 से 21 जुलाई, 2024 तक भारत के पहले ‘राष्ट्रीय वैज्ञानिक गोलमेज सम्मेलन’ (NSRTC) की मेजबानी करेगी। इस प्रतिष्ठित सम्मेलन का उद्देश्य विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग और नवाचार को बढ़ावा देना है, जिससे देश के प्रमुख अकादमिक वैज्ञानिक, शोधकर्ता और विद्वान एक साथ आएंगे।
यह सम्मेलन एमआईटी-WPU के कार्यकारी अध्यक्ष श्री राहुल विश्वनाथ कराड की दूरदर्शी सोच का परिणाम है। हाल ही में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में पद्म विभूषण डॉ. रघुनाथ माशेलकर, पद्म भूषण डॉ. विजय भटकर, वाइस-चांसलर डॉ. आर.एम. चिटनीस और राष्ट्रीय संयोजक डॉ. मिलिंद पांडे ने इस सम्मेलन की घोषणा की थी।
श्री राहुल विश्वनाथ कराड ने कहा, “भारत के पहले राष्ट्रीय वैज्ञानिक गोलमेज सम्मेलन की मेजबानी करना हमारे लिए बड़े सौभाग्य की बात है। यह सम्मेलन प्रमुख वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और विद्वानों को एक मंच पर लाएगा, जहाँ वे नए विचारों का आदान-प्रदान कर सकेंगे और विभिन्न विषयों के बीच सहयोग को बढ़ावा दे सकेंगे। हमारा लक्ष्य 2047 तक एक सस्टेनेबल और मानव-केंद्रित विकसित भारत का निर्माण करना है।”
19 जुलाई को शाम 4:00 से 6:00 बजे तक पुणे के कोथरुड स्थित MIT-WPU परिसर में इस सम्मेलन का उद्घाटन होगा। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थापक अध्यक्ष विश्वधर्मी प्रो. डॉ. विश्वनाथ कराड करेंगे। मुख्य अतिथि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह और डीएसटी सचिव, डॉ. अभय करंदीकर होंगे। अन्य प्रमुख वक्ताओं में CSIR के महानिदेशक डॉ. एन. कलईसेलवी, डॉ. आर. ए. माशेलकर, डॉ. विजय भटकर, डॉ. शेखर मांडे, डॉ. गणपति यादव और आईआईटी मद्रास के प्रो. टी. प्रदीप शामिल हैं।
समापन समारोह 21 जुलाई को शाम 4:00 से 6:00 बजे तक होटल टिप टॉप इंटरनेशनल में होगा। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य भौतिक विज्ञान, जैविक विज्ञान, इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अनुभवों और शोध परिणामों का आदान-प्रदान करना है।
इस सम्मेलन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, उन्नत सामग्री एवं प्रोसेसिंग, कृषि तकनीक, बायोटेक्नोलॉजी, जलवायु परिवर्तन, डिजिटल परिवर्तन, स्वास्थ्य सेवा, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और आध्यात्मिकता पर चर्चा की जाएगी।
सम्मेलन में 130 से अधिक वैज्ञानिक भाग लेंगे, जिनमें पद्म विभूषण डॉ. रघुनाथ माशेलकर, डॉ. एन. कलईसेलवी, डॉ. विजय भटकर, डॉ. गणपति यादव, डॉ. शेखर मांडे, अमेरिकी वैज्ञानिक डॉ. अशोक जोशी, पद्मश्री डॉ. थलपई प्रदीप, प्रो. डॉ. एम.एस. रामचंद्र राव, डॉ. रिचर्ड लोबो, प्रो. डॉ. अजीत कुलकर्णी, डॉ. उमेश वाघमोर, डॉ. दीपांकर दास शर्मा, डॉ. दिनेश असवाल, डॉ. टाटा ए. राव, डॉ. भूषण पटवर्धन, प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे, डॉ. नीरज खरे, डॉ. के. सामी रेड्डी, डॉ. अतुल वर्मा, अमेरिका से डॉ. अशोक खांडकर, डॉ. सुमित्रा, इसरो के वैज्ञानिक डॉ. इलंगोवन, आईएएस बैंगलोर के प्रो. कृपानिधि, प्रो. अनिक कुमार, ICER के निदेशक श्री अशोक गांगुली, डॉ. रजत मोना, प्रो. दास गुप्ता, डॉ. नाग हनुमैया, समीर निदेशक हनमंतराव, सिडनी यूनिवर्सिटी के प्रो. डॉ. कौतुभ दलाल, पर्ड्यू यूनिवर्सिटी के प्रो. सचिन पोल, और डॉ. सुजाता चकलानोबिस शामिल हैं।
इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण यूट्यूब, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर किया जाएगा।