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स्वस्थ और सेहतमंद रहने के महत्वपूर्ण टिप्स

स्वस्थ और सेहतमंद रहने के लिए दैनिक जीवन में कुछ महत्वपूर्ण बातें ध्यान में रखना आवश्यक है। यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं जो आपको स्वस्थ बनाए रख सकते हैं:

पाचन संबंधी समस्याएं:
1. **दूध ना पचे तो**: सौंफ का सेवन करें।
2. **दही ना पचे तो**: सोंठ का सेवन करें।
3. **छाछ ना पचे तो**: जीरा और काली मिर्च का उपयोग करें।
4. **अरबी और मूली ना पचे तो**: अजवायन का सेवन करें।
5. **कढ़ी ना पचे तो**: कड़ी पत्ता का उपयोग करें।
6. **तेल और घी ना पचे तो**: कलौंजी का सेवन करें।
7. **पनीर ना पचे तो**: भुना हुआ जीरा खाएं।
8. **भोजन ना पचे तो**: गर्म जल पिएं।
9. **केला ना पचे तो**: इलायची का सेवन करें।
10. **खरबूजा ना पचे तो**: मिश्री का उपयोग करें।

स्वास्थ्य संबंधी जानकारी:
– **योग, भोग और रोग**: ये तीन अवस्थाएं हैं।
– **लकवा**: सोडियम की कमी के कारण होता है।
– **हाई बीपी**: स्नान और सोने से पूर्व एक गिलास जल का सेवन करें। स्नान के पानी में थोड़ा सा नमक डालें।
– **लो बीपी**: सेंधा नमक डालकर पानी पिएं।
– **कूबड़ निकलना**: फास्फोरस की कमी के कारण होता है।
– **कफ**: फास्फोरस की कमी से कफ बिगड़ता है। गुड़ और शहद खाएं।
– **दमा और अस्थमा**: सल्फर की कमी के कारण होता है।
– **सिजेरियन ऑपरेशन**: आयरन और कैल्शियम की कमी।
– **क्षारीय वस्तुएं**: दिन ढलने के बाद खाएं।
– **अम्लीय वस्तुएं और फल**: दिन ढलने से पहले खाएं।
– **जंभाई**: शरीर में ऑक्सीजन की कमी।
– **जुकाम**: प्रातः काले नमक और अदरक के साथ जूस पिएं।
– **तांबे का पानी**: प्रातः खड़े होकर नंगे पांव पानी न पिएं।
– **किडनी**: खड़े होकर गिलास से पानी न पिएं, लोटे का पानी बेहतर है।
– **अस्थमा, मधुमेह, कैंसर**: गहरे रंग की वनस्पतियों का सेवन करें।
– **वास्तु के अनुसार**: जितना खुला स्थान होगा, दिमाग और हृदय भी उतना ही खुला होगा।
– **पथरी**: अर्जुन की छाल का उपयोग करें।
– **RO का पानी**: इसका सेवन न करें। सहिजन की फली से पानी साफ करें।
– **सोकर उठते समय**: दायीं करवट से उठें।
– **पेट के बल सोना**: हर्निया, प्रोस्टेट, एपेंडिक्स की समस्या हो सकती है।
– **भोजन के लिए दिशा**: पूर्व दिशा, पढ़ाई के लिए उत्तर दिशा बेहतर है।
– **HDL बढ़ने से**: मोटापा कम होगा, LDL और VLDL कम होगा।
– **गैस की समस्या**: भोजन में अजवाइन मिलाएं।
– **चीनी**: सल्फर होता है, यह पित्त बढ़ाता है।
– **फ्रेक्टोज**: भगवान की हर मीठी चीज में फ्रेक्टोज होता है।
– **वात के असर में**: नींद कम आती है।
– **कफ के असर में**: प्रेम अधिक होता है, पढ़ाई कम होती है।
– **पित्त के असर में**: पढ़ाई अधिक होती है।
– **आंखों के रोग**: ज्यादातर रोग कफ के कारण होते हैं।
– **शाम को**: वात-नाशक चीजें खानी चाहिए।
– **प्रातः 4 बजे**: जाग जाना चाहिए।
– **सोते समय**: रक्त दबाव सामान्य या कम होता है।
– **व्यायाम**: वात रोगियों के लिए मालिश के बाद, पित्त वालों को व्यायाम के बाद, कफ वालों को स्नान के बाद।
– **जलवायु**: भारत की जलवायु वात प्रकृति की है, दौड़ की बजाय सूर्य नमस्कार करें।
– **माताएं**: जो घरेलू कार्य करती हैं, उनके लिए व्यायाम जरूरी नहीं।
– **निद्रा**: पित्त शांत होता है, मालिश से वायु शांति होती है, उल्टी से कफ शांत होता है, उपवास से बुखार शांत होता है।
– **भारी वस्तुएं**: शरीर का रक्तदाब बढ़ाती हैं।
– **महान वैज्ञानिक**: न्यूटन और आइंस्टीन जैसे वैज्ञानिक की स्कूली शिक्षा अच्छी नहीं रही।
– **मांस खाना**: अम्ल-स्राव करने वाली ग्रंथियों को प्रभावित करता है।
– **तेल**: लकड़ी वाली घाणी का तेल बेहतर है, दूध हमेशा पतला पीना चाहिए।
– **छिलके वाली दाल-सब्जियां**: कोलेस्ट्रोल कम करती हैं।
– **मिर्गी दौरे**: अमोनिया या चूने की गंध सूंघाएं।
– **सिरदर्द**: नौसादर और अदरक का रस सूंघाएं।

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