
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार ऐसे लोगों के लिए इनकम टैक्स में कटौती पर विचार कर रही है जिनकी सालाना आय 3 लाख रुपये से 15 लाख रुपये तक होती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार, मध्यम वर्ग को राहत देने और खपत को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इनकम टैक्स दरों में कटौती पर विचार कर रही है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार कुछ आय वर्ग के लिए टैक्स स्लैब में बदलाव कर सकती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जुलाई में 2024-25 का बजट पेश करने वाली हैं, जिसमें इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव की उम्मीद की जा रही है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि टैक्स में कटौती से अर्थव्यवस्था में खपत बढ़ेगी और मध्यम वर्ग की बचत में सुधार होगा।
15 लाख रुपये से अधिक आय वालों को मिलेगी राहत
सूत्रों के मुताबिक, जिनकी सालाना आय 15 लाख रुपये से अधिक है, उन्हें इनकम टैक्स में राहत मिल सकती है। सरकार 10 लाख रुपये तक की आय के लिए भी टैक्स स्लैब में कटौती पर विचार कर रही है। लाइवमिंट की एक खबर के अनुसार, सरकार पुराने टैक्स सिस्टम के तहत 30 प्रतिशत की उच्चतम दर पर टैक्स लगाने वाली आय के लिए नई लिमिट पर चर्चा कर रही है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी है, जबकि खपत दर आधी रही।
महंगाई, बेरोजगारी और घटती आय से मतदाता चिंतित
लोकसभा चुनाव 2024 के बाद के सर्वेक्षण से पता चला था कि मतदाता तेज महंगाई, बेरोजगारी और घटती आय को लेकर चिंतित हैं। पीएम मोदी ने कहा था कि उनकी सरकार मध्यम वर्ग की बचत बढ़ाने और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित करेगी। सरकार 2020 में शुरू की गई सिंगल टैक्स योजना में भी बदलाव कर सकती है, जिसके तहत 15 लाख रुपये तक की सालाना आय पर 5 प्रतिशत से 20 प्रतिशत और 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत टैक्स लगता है।
आयकर दर में संभावित बदलाव
रिपोर्ट में कहा गया है कि जब किसी व्यक्ति की आय 3 लाख रुपये से 15 लाख रुपये तक पांच गुना बढ़ जाती है, तो आयकर की दर छह गुना बढ़ जाती है, जो कि काफी अधिक है। सरकार का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2025 में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 5.1 प्रतिशत तक सीमित रखना है।
इन संभावित बदलावों से ना सिर्फ मध्यम वर्ग को राहत मिलेगी, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। अधिक जानकारी के लिए जुड़े रहें।