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बॉस या महाराज किसके खेमे से होगा टिकट

श्योपुर । प्रदेश में गिरते ग्राफ को देखकर भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के सदस्यों की निगरानी में है। मध्यप्रदेश भाजपा यानि अब प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव में फिर से भाजपा की सरकार बने और मुख्यमंत्री भाजपा का बैठे इसके लिए पार्टी के वरिष्ट नेताओ के द्वारा और संगठन प्रभारियों के द्वारा गुटबंदी जैसे हालातो पर सीधी नजर रखी जा रही है। और हर वो प्रयास व कयास किए जा रहे है ताकि सब प्रदेश में एक सूत्र होकर चुनाव लड़ कर जीत सकें। हालांकि सर्वे अभी तक कांग्रेस की ही सरकार बना रहे है।
विजयपुर में भी भाजपा से और भाजपा में भारी असंतोष है जिसका कारण है कि पदाधिकारियों का आपस में संघर्ष वो भी अपने नेता के समक्ष अब्बल दिखने के लिए। हालांकि आलकमानो के पास एक एक की कुंडली है वे भी जानते है कि कौन सा पदाधिकारी कितना पार्टी के लिए मेहनत और लगनशील है।

बेहद महत्वपूर्ण सूत्र बता रहे हैं कि अभी हाल ही में विजयपुर में सीएम शिवराज के लाडली बहना कार्यक्रम में मंच पर सीट न मिलना, और कैसे और किसने नाम काटे वाला मुद्दा विजयपुर के चौराहों पर गरमाया हुआ है। कौन है जो अपनी ही पार्टी के पदाधिकारियों को उनके सम्मान से वंचित रखना चाहता है? हालांकि विजयपुर से कांग्रेस में अभी तक 4 बार विधायक रहे और एक बार मंत्री रहे रामनिवास रावत जो कांग्रेस प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं,का नाम विधायक के टिकट के लिए है।

लेकिन भाजपा से विधायक टिकट के लिए कुछ महत्वपूर्ण नाम सामने आए है जिनमे कुछ नाम ऐसे है जो केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे से है और कुछ नाम है जो केंद्रीय मंत्री तोमर के गुट से आते है। इनमें से किसका होगा टिकट कौन लड़ेगा चुनाव कौन देगा कांग्रेस को टक्कर ये भविष्य संगठन शीर्ष नेता तय करेंगे। बाबूलाल मेवरा, बृजराज सिंह चौहान, तुसनलाल आदिवासी,परीक्षत धाकड़, बीके शर्मा या फिर वर्तमान विधायक सीताराम अभी तक इतने महत्वपूर्ण लोग विजयपुर विधानसभा से भाजपा से विधायक के टिकट की दौड़ में शामिल हैं।

बाबूलाल मेवरा
जनसंघ से जुड़े हुए पार्टी के कार्यकर्ता 1985 में पहली बार बीजेपी से विधायक बने। दूसरी बार 1998 में फिर से बीजेपी से विधायक बने। शिवराज सरकार में वन विकास निगम के उपाध्यक्ष और दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री।
दल बदल की राजनीति में शामिल रहे बीजेपी छोड़ बीएसपी फिर बीएसपी छोड़ कांग्रेस में और बाद में क्षेत्रीय सांसद तोमर के नेतृत्व में फिर से भाजपा ज्वाइन की।

-बृजराज सिंह चौहान
मूल निवास श्योपुर में है। 1998 में पहली बार निर्दलीय श्योपुर विधायक रहे। 2008 में दूसरी बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते । केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ उन्ही के नेतृत्व में भाजपा ज्वाइन की वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष है।

तुसनपाल आदिवासी
एकल अभियान के प्रांतीय पदाधिकारी ,वर्तमान में शहरिया विकास प्राधिकरण अध्यक्ष एवम दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री।

परीक्षत धाकड़
आरंभ में बाबूलाल मेवरा के साथ भाजपा में थे उसके बाद कांग्रेस ज्वाइन की । कांग्रेस में किसान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रहे। 2009 से पहले जिला पंचायत सदस्य वार्ड 09 सहसराम से रहे,उसके बाद पुनः दूसरी बार जिला पंचायत सदस्य और वर्तमान 2022 से तीसरी बार उसी वार्ड 09 से जिला पंचायत सदस्य है। किरार धाकड़ महासभा बहरारा से 44 ग्राम के तहसील अध्यक्ष विजयपुर रहे। 2018 में मुख्यमंत्री शिवराज के नेतृत्व में भाजपा से जुड़ गए। ये भी सिंधिया खेमे से आते है और उन्ही के द्वारा परीक्षत को भाजपा से जिला उपाध्यक्ष बनाया गया। वर्तमान में अखिल भारतीय किरार महासभा जिसकी राष्ट्रीय अध्यक्ष मुख्यमंत्री शिवराज की पत्नी साधना सिंह है, के श्योपुर जिला अध्यक्ष हैं। अपने किरार समाज के अलावा गुर्जर,कुशवाह,एवम अनुसूचित जाति,जनजाति वोट बैंक पर अच्छी पकड़ है। मुख्यमंत्री के साथ इनके गले मिलने के वीडियो ने विधानसभा में गर्मी पैदा कर दी और पार्टी से पहले चाहने वालो ने तो टिकट फाइनल ही कर दिया क्योंकि ऐसी चर्चा विजयपुर में रहीं। अभी तक आरोपों से मुक्त है।

बीके शर्मा
बीके शर्मा पूरा नाम बालकृष्ण शर्मा मूलत विजयपुर गसवानी से आते है और हाईकोर्ट खंडपीठ ग्वालियर में अधिवक्ता हैं। 10 वर्षों से भारतीय जनता पार्टी में कार्यरत है। और 10 वर्षों से जिला मंत्री के पद पर रहकर राजनीति कर रहे है। बीजेपी जिला श्योपुर द्वारा विशेष आमंत्रित सदस्य है। जिला पंचायत श्योपुर द्वारा वार्ड क्रमांक 09 विजयपुर से 2010 में जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुए। पूर्व में विधि एवम मानवाधिकार प्रकोष्ठ भाजपा का प्रदेश संयोजक रहे। 2014 में जब अनूप मिश्रा लोकसभा प्रत्याशी रहे तब विजयपुर चुनाव प्रभारी रहे। वर्ष 2018 में आदि गुरु शंकराचार्य यात्रा के भाजपा से जिला प्रभारी न्युक्त किया गया। विधानसभा में ब्राह्मण वोट बैंक को संभाले हुए है साथ ही साथ कुशवाह एवम जाटव वोट पर अच्छी पकड़ है। ये भी मंत्री तोमर के गुट से आते है। किसी भी प्रकार का कोई आरोप नहीं हैं। मुख्यमंत्री शिवराज के कार्यक्रम के बाद ग्रामीण एवम शहरी युवाओं के द्वारा बीके शर्मा को विधानसभा विजयपुर से टिकट के लिए बोला गया । तब से बी के शर्मा का नाम विधायक टिकट रेस में बड़ा हाइलाइट है।

सीताराम आदिवासी
विजयपुर से वर्तमान विधायक, इससे पहले 2013 और 2008 का चुनाव हार चुके है। चूंकि आदिवासी वोट बैंक अधिक होने के कारण यह भी अपने समाज पर पकड़ रखते है। हालांकि ये सब अतिमहत्वपूर्ण नाम अभी सर्वे के दौरान सामने आए है पार्टी में कुछ और लोगों के नाम भी सर्वे में शामिल हो सकते है लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है की इस बार भाजपा किसे संतुष्ट करेगी हालांकि टिकट का तय होना जनता जनार्दन के सर्वे से तय होगा कि कौन कितना सक्षम है।




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