जीवन के सभी आयामों में ईमानदार रहें : सीता पाणीग्राही

ग्वालियर। जीवन में सभी आयामों का संतुलित होना आवश्यक है एक पहलू को प्राप्त करने के लिए दूसरे पहलू का अवहेलना आपको भविष्य में केवल पश्चाताप दे सकता है इसीलिए आपको अपने लक्ष्य,संबंध एवं स्वास्थ्य इन सभी आयामों को संतुलित करते हुए जीवन पथ पर अग्रसर होना है। इनमें से किसी भी एक आयाम का कमजोर होना आपके मानसिक अशांति का कारण बनती हैं,और बाकी पहलुओं में आपका फोकस और परफॉमेंस बाधित होती है।आप अपने समय का प्रबंधन जीवन के सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए बनाए और उन सभी विस्तीर्णता को बराबर प्राथमिकता दें।”किसी भी कीमत पर”,” कोई भी रास्ता अपनाकर”, वाली विचारों से दूरी बना कर चले।
आत्मशक्ति के विकास, सम्मान एवं वैभव का सोपान चरित्र बल है। प्राचीन काल से ही हमारा देश श्रेष्ठ चरित्र का उपासक रहा है। हमारे देश में हजारों महापुरुषों की ऐसी लंबी श्रृंखला है जिन्होंने अपने जीवन में चरित्र बल से विश्व का मार्गदर्शन किया। चरित्र की उपजाऊ भूमि पर ही चिंतन का बीजारोपण होता है। चरित्र बल मनुष्य में निर्भीकता पैदा करता है। हमारे नीतिकारों का भी कहना है कि निर्बल बलवान से डरता है, मुर्ख विद्वान से डरता है, निर्धन धनवान से डरता है परंतु चरित्र बल से संपन्न मनुष्य से ये तीनों डरते हैं। चरित्र बल ही सबसे बड़ा धन है। उक्त विचार ट्रांसजेंडर्स राइट्स एक्टिविस्ट सीता पाणीग्राही ने व्यक्त की वो इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (इंटेक) द्वारा आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित की गई थी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य अनीता कुशवाह ने की उन्होंने कहा भारत की परिकल्पना सार्थक करने के लिए छात्र-छात्राओं को भी आगे आना होगा और अपने बौद्धिक और व्यक्तित्व विकास के लिए कार्य करना होगा।कार्यक्रम संयोजक विनोद मिश्रा ने कहा शिक्षा और पढ़ाई के साथ हमें अपना लक्ष्य रखना होगा क्योंकि जीवन में लक्ष्य ही संभावनाओं को सफल बनाता है ।आपको अपना लक्ष्य निर्धारण करना होगा अच्छे से अच्छा विचार आपको सफलता की मंजिल तक ले जाएगा।