भोपाल । शासन-प्रशासन में अधिकारियों को जो अधिकार उनके पद अनुसार दिये जाते हैं वह रौब दिखाने के लिये नहीं हैं, बल्कि अधिकार जन कल्याण एवं सेवा के लिये होते हैं। यह कहना है मध्य प्रदेश विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह का|
आज प्रशासन अकादमी के माध्यम से दिल्ली से अध्ययन प्रवास पर आये केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में कार्यरत 59 प्रशिक्षु अधिकारियों के बैच को प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश विधान सभा ए.पी. सिंह ने विधान परिषद कक्ष में संबोधित किया| प्रमुख सचिव श्री सिंह ने कहा कि शासन व्यवस्था के तीन अंगों में से विधायिका ही एक मात्र संस्था् है जो जनता के द्वारा चुनी जाती है, इसलिए कार्यपालिका के अधिकारियों द्वारा जनभावनाओं का सम्मान करते हुये जनप्रतिनिधियों को पूरा सम्मान एवं जनसेवा में सहयोग दिया जाना चाहिए। वैसे भी शासन-प्रशासन में अधिकारियों को जो अधिकार उनके पद अनुसार दिये जाते हैं वह रौब दिखाने के लिये नहीं हैं, बल्कि अधिकार जन कल्याण एवं सेवा के लिये होते हैं। विभिन्न जन प्रतिनिधि एवं शासकीय अधिकारी दोनों लोकसेवक हैं, इसलिये आप सभी को इसी दृष्टिकोण के साथ अपने दायित्वों का निवर्हन ईमानदारी एवं नियमों का पालन करते हुये किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर ए.पी. सिंह, प्रमुख सचिव, विधान सभा द्वारा प्रशिक्षु अधिकारियों को विधान सभा की कार्यपद्धति, बजट एवं विधायी प्रक्रिया आदि के संबंध में भी विस्तार से जानकारी दी गई। प्रशिक्षु अधिकारियों ने विधानसभा भवन का अवलोकन भी किया|