America president joe Biden : जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने आ रहे बाइडेन

7 से 10 सितंबर तक भारत की यात्रा पर
New Dehli G20 joe Biden : भारत में अगले माह यानी सितंबर में जी20 देशों का शिखर सम्मेलन होने जा रहा है। भारत इस बार जी20 देशों के शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। इस सम्मेलन में दुनिया के कई देशों के प्रमुख भाग लेने वाले हैं। इसके बाद अमेरिका की ओर से एक आधिकारिक बयान जारी किया गया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने वाले हैं।
राष्ट्रपति बाइडन 7-10 सितंबर तक भारत दौरे पर रहने वाले हैं। जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति बाइडन स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन और जलवायु परिवर्तन से निपटने, यूक्रेन संघर्ष के आर्थिक और सामाजिक प्रभावों को कम करने सहित वैश्विक मुद्दों से निपटने के लिए कई संयुक्त प्रयासों पर चर्चा करने वाले हैं। साथ ही बाइडन जी20 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की भी सराहना करने वाले हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति बाइडन और जी20 साझेदार स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के अलावा वैश्विक मुद्दों से निपटने के लिए कई संयुक्त प्रयासों पर भी चर्चा करने वाले हैं। वहीं, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक में सुधार पर बल देने वाले हैं, ताकि विकासशील देशों को ज्यादा मदद हो सके। अमेरिकी एनएसए जेक सुलिवन ने कहा कि इन दोनों संस्थाओं को चीन के बेल्ट एंड रोड पहल के तहत दी जाने वाली वित्तीय मदद की जगह विकासशील देशों को और बेहतर विकल्प देने की जरूरत है। सुलिवन ने कहा कि इन देशों की ओर से जिन चुनौतियों का सामना किया जा रहा है उससे मुकाबले के लिए इनकी आवाज को हम स्पष्ट सुन रहे हैं।
भारत की अध्यक्षता की सराहना कर कहा गया कि नई दिल्ली में रहते हुए, राष्ट्रपति बाइडन जी20 के लिए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की भी सराहना करने और आर्थिक सहयोग के प्रमुख मंच के रूप में जी20 के प्रति अमेरिकी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने वाले हैं। जिसमें 2026 में इसकी मेजबानी भी शामिल है।
बता दें कि जी20 देशों के समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं। इन सदस्य देशों में वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का करीब 85 फीसदी और वैश्विक व्यापार का 75 फीसदी से अधिक हिस्सा है। साथ ही इन देशों में विश्व की करीब दो-तिहाई आबादी है।