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मणिपुर हिंसा में 8 और मौतें

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- राज्य और केंद्र सरकार नाकाबंदी से खुद निपटे, चाहे तो राशन पहुंचाने एयर ड्रॉपिंग करवाए

Imfal news : मणिपुर एक बार फिर सुलग उठा है। चूराचांदपुर और बिष्णुपुर जिलों के बॉर्डर बफर जोन में 29 अगस्त से शुरू हुई हिंसा अब भी जारी है। तीन दिनों में 8 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 18 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। आदिवासी संगठन आईटीएलएफ ने चुराचांदपुर में बंद का ऐलान किया है। आर्मी का कहना है कि हिंसाग्रस्त इलाकों में महिला संगठन उन्हें आगे जाने नहीं दे रहे हैं।

उधर, सुप्रीम कोर्ट ने भारत सरकार और मणिपुर सरकार से हिंसा प्रभावितों को भोजन, दवाएं और बुनियादी सामान पहुंचाने का निर्देश दिया। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने सरकार से नाकाबंदी से खुद निपटने का निर्देश भी दिया। साथ ही ऑप्शन के तौर पर राशन की एयर ड्रॉपिंग की सलाह दी। अगली सुनवाई 6 सितंबर को होगी।

– पिछले दिनों भडक़ी हिंसा में कुकी गायक की मौत

खोइरनटक, चिंगपेई, खोशुबंग और नारायनसेना में मैतेई और कुकी हमलावरों के बीच गुरुवार को मोर्टार हमलों और फायरिंग से पांच लोगों की मौत हो गई। मृतकों में मणिपुर के चर्चित कुकी गायक मंगबोई लुंगडिम भी हैं, जिन्होंने मई में हिंसा भडक़ने के बाद ‘आई गम हिलौ हैम’ (क्या यह हमारी भूमि नहीं) गीत लिखा और गाया था। हिंसाग्रस्त चुराचांदपुर और बिष्णुपुर में आर्मी को तैनात किया गया है। अभी यहां के बफर जोन में सीआरपीएफ और असम राइफल्स तैनात थी।

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