राजा भोज एयरपोर्ट पर 28 साल पुराना एटीसी टावर होगा ध्वस्त

नए कंट्रोल टावर का 90 प्रतिशत से अधिक काम पूरा
एयर ट्रैफिक बढऩे से वर्तमान एटीसी टावर छोटा साबित हो रहा था
भोपाल। राजधानी में गांधीनगर स्थित राजा भोज एयरपोर्ट पर बना 28 साल पुराना एटीसी टावर जल्द ही गिराया जाएगा। इसकी जगह आधुनिक टावर लेगा। एयरपोर्ट अथारिटी ने नई तकनीक को आधार बनाते हुए एटीसी टावर के साथ ही तकनीकी ब्लाक का निर्माण भी किया है। इसकी ऊंचाई करीब 32 मीटर है। नए ट्रेकिंग सिस्टम की मदद से रव-वे के अंतिम छोर तक विमानों पर निगाह रखी जा सकेगी।
राजधानी से एयर ट्रैफिक बढऩे के कारण वर्तमान एटीसी टावर छोटा साबित हो रहा था। इसका निर्माण उस समय किया गया था, जब भोपाल से उड़ानों की संख्या आधा दर्जन ही थी। यह टावर पुराने एयरपार्ट पर बना है। नया टर्मिनल बनने के बाद रन-वे की दिशा भी बदल गई है। पुराना टावर अब रनवे स्ट्रिप पर आ गया है जिससे विमानों की लैंडिंग में परेशानी होती है। इसे देखते हुए एयरपोर्ट अथारिटी ने नए कंट्रोल रूम का निर्माण नई टर्मिनल बिल्डिंग के निकट किया है। इसे आधुनिक रूप दिया गया है ताकि इंटरनेशनल उड़ानें शुरू होने पर भी इसका उपयोग किया जा सके।
एलटी पैनल व आधुनिक उपकरण लगे
नए एटीसी भवन में नवीन राडार, एलटी पैनल एवं आधुनिक उपकरण लगाए गए हैं। तकनीकी ब्लाक बनने से विमानों के ट्रेकिंग सिस्टम में बड़ा सुधार आएगा। लैंडिंग एवं टेकआफ के समय विमानों पर दूर तक निगाह रखी जा सकेगी। रन-वे पर हो रही हर गतिविधि इसके दायरे में होगी। इसके निर्माण पर करीब 24 करोड़ रूपये खर्च हुए हैं। अथारिटी के कार्यकारी निदेशक अभियांत्रिकी जी प्रभाहरन एवं महाप्रबंधक अभियांत्रिकी विवेक उपाध्याय ने हाल ही में निर्माण कार्य जल्द पूरा करने के निर्देश दिए थे। काम अंतिम चरण में है। जल्द ही लोकार्पण किया जाएगा।
नये टावर की ऊंचाई 20 मीटर बढ़ाई
एयरपोर्ट अथारिटी ने भविष्य में इंटरनेशनल उड़ानें प्रारंभ होने की संभावना को देखते हुए नए टावर एवं तकनीकी ब्लाक की ऊंचाई 20 मीटर से बढ़ाकर 32 मीटर कर दी है। इससे विमानों की निगरानी आसान होगी। विमान टेकआफ होते समय दूर तक ग्राउंड पर ही होते हैं। कई बार विमान रन-वे एंड तक पहुंच जाते हैं। 32 मीटर ऊंचे टावर से रन वे के अंतिम छोर का दृश्य भी साफ नजर आएगा।
विंटर शेड्यूल से पहले लोकार्पण
नए कंट्रोल टावर का 90 प्रतिशत से अधिक काम पूरा हो चुका है। अक्टूबर माह से लागू हो रहे विंटर शेड्यूल से पहले इसका लोकार्पण किया जाएगा। इंटरनेशनल मापदंड के अनुसार इसकी ऊंचाई 32 मीटर की गई है, इससे ट्रेकिंग सिस्टम बेहतर होगा।