दक्षिण सागर डीएफओ नवीन गर्ग को बचाने में लगा पूरा महकमा
भोपाल । जंगल महकमा कुछ चहेते अफसरों को बचाने के लिए पूरी ताकत लगा देता है। भले ही उसे हटाने की घोषणा वन मंत्री विजय शाह ने विधानसभा सत्र में क्यों नहीं कर दी हो। वनीकरण क्षतिपूर्ति घोटाले में उलझे दक्षिण सागर वन मंडल डीएफओ नवीन गर्ग को हटाने की घोषणा दिसंबर में संपन्न विधानसभा सत्र में की थी। बजट सत्र चल रहा है पर गर्ग को नहीं हटाया गया है। इस बीच आईएफएस अफसरों की हटाने की दो सूची भी जारी भी हो चुकी है। सूत्रों ने ईएमएस को बताया कि इस मसले को लेकर बुधवार को वन मंत्री शाह ने अफसरों की जमकर क्लास ली। वन विभाग वनीकरण क्षतिपूर्ति में हुई गड़बड़ी में दोषी करार दिए गए दक्षिण सागर वन मंडल के डीएफओ नवीन गर्ग को हटाने संबंधित प्रस्ताव वन मंत्री विजय शाह के विधानसभा में दिए गए आश्वासन के बाद आज दिनांक तक मंत्रालय नहीं पहुंचा। जबकि वन मंत्री विजय शाह के आश्वासन के बाद बहुउद्देशीय परियोजना के डूब क्षेत्र में आई वन भूमि के बदले में गैर वनभूमि और बिगड़े वन में पौधारोपण कराने में हुई गड़बड़ी में दक्षिण मंडल में पदस्थ रहे प्रशांत कुमार सिंह, एम एस उईके और वर्तमान डीएफओ नवीन गर्ग को दोषी माना गया है। इनमें से प्रशांत कुमार सिंह को दक्षिण सागर से हटाकर खरगोन और एम एस उईके को दमोह पदस्थ कर दिया गया है। जबकि नवीन गर्ग अभी भी दक्षिण सागर वन मंडल में पदस्थ है। दिलचस्प पहलू यह है कि वन मंत्री शाह के कहने पर महकमे के आला अफसरों ने एम एस उईके तत्कालीन प्रभारी डीएफओ दक्षिण सागर वन मंडल को क्लीन चिट दे दी है। जबकि नवीन गर्ग को उसी मसले में आरोपों के घेरे में खड़ा कर दिया है। MP FOREST
-लौटती डाक से भेजा था प्रस्ताव
मंत्रालय में पदस्थ उप सचिव अनुराग कुमार ने पीसीसीएफ कैंपा को 19 दिसंबर 2022 को एक पत्र लिखकर लौटती डाक से प्रस्ताव शासन को भेजने के लिए निर्देश दिए हैं। यानी पत्र मिलने के साथ ही नवीन गर्ग को हटाने संबंधित प्रस्ताव शासन को भेजा जाना था। किंतु 3 महीने बाद भी प्रस्ताव सतपुड़ा मुख्यालय से मंत्रालय नहीं पहुंचा। जबकि सतपुड़ा मुख्यालय से मंत्रालय की दूरी 300 मीटर भी नहीं है। सूत्रों ने बताया है कि विभागीय जांच करने वाले अफसर ने नवीन गर्ग को लघु शासित (एक वेतन वृद्धि) से दंडित करने की सिफारिश की है।
- इन अफसरों को अभयदान देने के प्रयास
आर पी राय: खंडवा सर्किल में पदस्थ सीसीएफ आर पी राय के खिलाफ 10 जून 2019 को आरोप पत्र जारी हुआ था। आरोप था कि वन मंडल इंदौर के अंतर्गत वन परीक्षेत्र चोरल में बड़े पैमाने पर अवैध कटाई हुई थी। जांच के दौरान राय अपने दायित्वों का निर्वहन करने में असफल रहे। इसके कारण 6 लाख 93 हजार 361 रुपए की राजस्व हानि हुई थी। अभी इनसे वसूली नहीं हुई है। मामला विभाग में ही ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।
ए पी एस सेंगर: बालाघाट सर्किल में पदस्थ सीसीएफ ए पी एस सेंगर के खिलाफ 24 अगस्त 2022 को आरोप पत्र जारी हुआ। मामला तब का है जब वे टीकमगढ़ के डीएफओ हुआ करते थे। इन पर आरोप है कि भंडार क्रय नियमों का पालन नहीं किया। खरीदी में गड़बड़ी हुई। अभी तक प्रशासन-1 शाखा ने इनके खिलाफ कार्रवाई करने की अद्यतन स्थिति से शासन को अवगत नहीं कराया है।
बृजेंद्र श्रीवास्तव: छिंदवाड़ा पूर्व में पदस्थ डीएफओ बृजेंद्र श्रीवास्तव के खिलाफ 21 जुलाई 2022 को नियम दस के तहत आरोप पत्र जारी किया गया था। इन पर आरोप है कि स्थानांतरण नीति के विरुद्ध जाकर कर्मचारियों के तबादले किए। आरोप पत्र का जवाब अभी तक नहीं दिया गया है। इनका तबादला वन मंत्री शाह की सिफारिश पर ग्वालियर से पूर्व छिंदवाड़ा वन मंडल जैसे महत्वपूर्ण वन मंडल में कर दिया गया है।
भारत सिंह बघेल: भोपाल मुख्यालय में पदस्थ भारत सिंह बघेल को आरोप पत्र 22 मई 2006 को जारी किया गया था। बघेल ने अपने प्रभाव अवधि के दौरान पूर्व लांजी क्षेत्र में प्रभार अवधि में राहत कार्य अंतर्गत कार्यों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की थी। इनके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा कर मामला संघ लोक सेवा आयोग को भेजा गया है। शासन को संघ लोक सेवा आयोग के उत्तर की अपेक्षा है।
प्रशांत कुमार: खंडवा में डीएफओ के पद पर पदस्थ प्रशांत कुमार को आरोप पत्र 4 सितंबर 2020 को जारी किया गया था। प्रशांत कुमार डीएफओ पश्चिम बैतूल वन मंडल में अनियमितता के मामले में जांच हुई थी जिसमें उन्हें दोषी पाया गया। विभाग ने एक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोके जाने का दंड आरोपित कर अंतिम निर्णय के लिए संघ लोक सेवा आयोग भेजा है। आयोग से अभी तक अभिमत नहीं आ पाया है।
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