वरिष्ठ पत्रकार श्री संजय सक्सेना
संपादक सांध्य प्रकाश
रतलाम में हुई नेशनल बॉडी बिल्डिंग चैम्पियनशिप को लेकर विवाद शुरू हो गया है। दूसरों के आयोजनों के खिलाफ प्रदर्शन करने और बयान देने वाले संगठन आयोजन के समर्थन में खड़े दिखाई दे रहे हैं, जबकि कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और शहर के महापौर पर सनातन धर्म और संस्कृति का मजाक उड़ाने का आरोप लगाया है। बजरंग बली की मूर्ति के सामने महिला बॉडी बिल्डर का अश्लील प्रदर्शन हुआ। और सनातम धर्म व संस्कृति का दम भरने वाले लोग सोशल मीडिया पर इसके खिलाफ पोस्ट डालने वालों के पर मामला दर्ज कराने थाने पहुंच गए।
असल में रविवार को 13वीं जूनियर मिस्टर इंडिया-2023 राष्ट्रीय बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता प्रहलाद पटेल ऑर्गेनाइजिंग कमेटी और रतलाम बॉडी बिल्डिंग एसोसिएशन की ओर से आयोजित थी। इसमें सह आयोजक युवक कल्याण एवं खेल मंत्रालय था। प्रतियोगिता रविवार रात नौ बजे तक चली। इसमें महापौर प्रहलाद पटेल और उनकी टीम भी एक्टिव थी। कार्यक्रम की शुरुआत कन्या पूजन और हनुमान जी पूजा से महापौर ने की। स्पर्धा के दौरान मंच पर हनुमान जी की मूर्ति रखी हुई थी। चैम्पियशिप में शामिल हुईं महिलाओं ने मूर्ति के सामने आपत्तिजनक कॉस्ट्यूम और सैंडल पहनकर प्रदर्शन किया, इसको लेकर विरोध भी हुआ। विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक संगठनों ने सोशल मीडिया पर इसका विरोध किया। हिंदू जागरण मंच ने महापौर से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की बात कही है।
रतलाम बॉडी बिल्डिंग एसोसिएशन से जुड़े भाजपा नेता और कार्यकर्ता औद्योगिक थाने पहुंच गए। सोशल मीडिया पर आयोजन के खिलाफ पोस्ट डालने वालों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की। भाजपा नेताओं का कहना है कि सोशल मीडिया पर धार्मिक भावनाएं भडक़ाने की पोस्ट डाली गई हैं। कांग्रेस ने भी इस मुद्दे को हाथों हाथ लेते हुए विरोध शुरू कर दिया है। प्रतियोगिता में भाजपा के महापौर और नेताओं की सक्रियता को निशाना बनाते हुए युवक कांग्रेस ने सोमवार को 11 बजे विधायक सभागृह को गंगाजल से होकर पवित्र करने और हनुमान चालीसा का पाठ किए जाने की घोषणा कर दी। कांग्रेस नेता पारस सकलेचा का कहना है, रतलाम में हुए इस आयोजन से प्रदेश का सिर शर्म से झुक गया है। आयोजन में अश्लीलता परोसी गई। यह शर्मनाक है।
आयोजन को लेकर विवाद भोपाल तक पहुंच गया है। लेकिन सत्ता में बैठी भारतीय जनता पार्टी के नेता फिलहाल इस मामले में खुलकर कुछ नहीं कह रहे हैं। दूसरी तरफ हिंदू जागरण मंच और विपक्ष में बैठी कांग्रेस ने भोपाल तक इस आयोजन की खिलाफत की है, मामला और बढऩे की संभावना है। सवाल यह उठता है कि यदि कोई और संगठन ऐसा आयोजन, वो भी हनुमानजी की फोटो के सामने करता तो सत्ता में बैठी पार्टी के लोग सडक़ पर उतर आते। बजरंग दल जैसे संगठन तो तोडफ़ोड़ तक कर डालते हैं।
लेकिन रतलाम में ये खुद आयोजक रहे या आयोजकों का साथ दे रहे हैं। केवल साथ ही नहीं दे रहे, अपितु आयोजन के दौरान कथित अश्लीलता के प्रदर्शन को सही बताते हुए दूसरों पर आपत्तिजनक पोस्ट डालने का अरोप लगा रहे हैं। आपत्तिजनक क्या केवल दूसरे कार्यक्रम करते हैं, तभी होता है? क्या संस्कृति का अपमान और फूहड़ता का प्रदर्शन तथाकथित धर्म के ठेकेदार ही कर सकते हैं? दूसरा करे तो गलत, स्वयं करें तो सही? सवाल तो उठते हैं, उठते रहेंगे।
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