लाडली लक्ष्मी योजना का सीएम ने किया राजनीतिकरण ..विभा पटेल

लाड़लियों की नई योजना लेकिन 20 लाख 
को भी लाभ मिलना मुश्किल

आरोप…घोषणावीर सीएम को चुनावी साल में लाड़लियों और महिलाओं की याद आई

लाड़ली लक्ष्मी योजना में बांटी गई राशि का हिसाब आज तक नहीं दिया

ऑन लाइन आवेदन करने पर प्रति महिला 300 रुपए का बोझ पड़ेगा

भोपाल ।  मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष एवं भोपाल की पूर्व महापौर विभा पटेल ने आरोप लगाते हुए कहा कि घोषणावीर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को वोट की राजनीति के नाम पर बहनों और लाड़लियों की याद आई है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान लाडली बहना योजना का राजनीतिकरण कर दिया l सीएम ने जंबूरी मैदान में रविवार को आयोजित कार्यक्रम में साफ कहा कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता योजना के लिए बहनों से फॉर्म भरवाएंगे साथ ही विभाग के शिविरों में मौजूद रहेंगे l उनकी यह घोषणा राजनीति से प्रेरित हैl सरकारी व्यवस्था में राजनीतिक दखलअंदाजी का परिचायक है l यह अत्यंत दुखद है l मुख्यमंत्री को यह शोभा नहीं देता l इससे योजना में भ्रष्टाचार होगा l           
श्रीमती विभा पटेल ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं के हस्तक्षेप से अफसर दबाव में आएंगे और पात्र बहनों को योजना का लाभ मिलने में संदेह है l इस मामले में मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस चुप नहीं रहेगी l भाजपा कार्यकर्ताओं की दखलअंदाजी का जमकर विरोध करेगी. आवश्यकता हुई तो आंदोलन करेगी l   
श्रीमती विभा पटेल ने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव की खातिर सीएम साहब लाड़लियों और बहनों को राजनीतिक रूप से साधने की कोशिश कर रहे है। वे भी तब, जबकि महिला से गैंग रेप, महिला आत्महत्या और अब तो बाल अपराध में मध्यप्रदेश नंबर 1 है। मध्यप्रदेश आदिवासी अपराध में शीर्ष पर है। 

श्रीमती पटेल ने आरोप लगाते हुए कहा कि आसन्न विधानसभा चुनाव को देखते हुए सीएम ने लाड़ली बहना योजना को अपने जन्म दिवस के अवसर पर लॉन्च किया है। लेकिन हकीकत में लाड़लियों को लाभ नहीं मिलेगा। इसका मुख्य कारण योजना की कठोर शर्तें हैं। इसके पूर्व सीएम साहब ने 15 साल पहले लाड़ली लक्ष्मी योजना लॉन्च की थीं। इस योजना को लेकर कई अवसरों पर सवाल खड़े हुए लेकिन सरकार ने कभी तथ्यात्मक जवाब नहीं दिए। शिवराज सिंह चौहान सरकार की नई योजना से भ्रष्टाचार बढ़ेगा। पहले भी राज्य सरकार की कई योजनाओं में भाजपाइयों की संलिप्ता होने से पात्र हितग्राहियों को लाभ नहीं मिला। वे योजना के लाभ के मोह में सत्ता पक्ष के दलालों के चंगुल में फंसेगी। 
श्रीमती विभा पटेल ने कहा कि महिलाएं तकनीकी रूप से दक्ष नहीं है। उन्हें लाड़ली बहना योजना का लाभ लेने के लिए एमपी ऑन लाइन पर जाना होगा। यानी ऑन लाइन आवेदन के लिए प्रति महिला को 200- 300 रुपए खर्च करना पड़ेंगे। इस आर्थिक भार की भरपाई तो राज्य सरकार करेगी नहीं। वहीं एमपी ऑन लाइन में आवेदन के नाम पर लूट-खसोट होगी। कठोर शर्तों के कारण भाजपाई चांदी कूटेंगे।  

श्रीमती पटेल ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान सरकार ने अब तक ये नहीं बताया कि प्रदेश की कितनी लाड़लियों को लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ मिला? इसमें आदिवासी, दलित, पिछड़े, वंचित वर्ग आदि की लाड़लियां कितनी हैं? योजना के अंर्तगत हरेक जिले में कितनी राशि बांटी गई? कितनी राशि अभी बांटी जाना शेष हैं? ये राशि बैंक या पोस्ट ऑफिस में कहां जमा है।कुल राशि कितनी है? अगर बैंकों या पोस्ट ऑफिस में राशि जमा है तो ब्याज की राशि का लाभ कौन लेगा? एक अप्रैल 2007 से कुल कितने आवेदन मिले और कितने खारिज किए गए? खारिज किए गए आम जनों का आधार क्या है l    
श्रीमती विभा पटेल ने कहा कि अब शिवराज सिंह चौहान सरकार ने मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना 5 मार्च 2023 से लाने का निर्णय लिया है। इस योजना से अधिकांश लाड़ली बहनों को कोई फायदा नहीं मिलेगा क्योंकि मध्य प्रदेश में महिलाओं की संख्या करीब 4.50 करोड़ है। इनमें से वोटर 2 करोड़ 60 लाख है। ऐसे में योजना के लाभ की पात्रता के लिए जो शर्तें तय की गई हैं, उसके तहत 23 वर्ष से 60 वर्ष तक की उम्र वाली बहनें इसके दायरे में आएगी। वहीं असंगठित एवं संगठित क्षेत्र से नाता रखने वाली ढाई लाख की आमदनी के बंधन से करीब 50 लाख महिलाएं इसके दायरे में नहीं आ पाएगी। ये बड़ी संख्या है। इसी तरह परिवार में एक सदस्य के सरकारी नौकरी में होने, आयकर दाता होने. घर में चार पहिया वाहन या ट्रेक्टर होने पर भी पात्रता नहीं होगी। 

श्रीमती विभा पटेल ने कहा कि ऑन लाइन आवेदन लेने की प्रक्रिया 5 मार्च 2023 से अप्रैल अंत तक चलेगी। इसके बाद डोर-टू-डोर भौतिक सत्यापन की कार्यवाही शुरू होगी। विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आते ही आचार संहिता के बंधन लागू होने से योजना का लाभ पात्रताधारियों को नहीं मिल पाएगा। वैसे भी सरकार ने जो शर्तें तय की है l उससे अनुमान है कि लाड़ली बहना योजना का लाभ महज 20 लाख लाड़ली बहनों को ही ।


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