कंडो की होली जलाएं और वातावरण प्रदूषित होने से बचाऐ : वंदना द्विवेदी

    पर्यावरण, वन, और वन्य प्राणियों के संरक्षण संवर्धन हेतु प्रयासरत बांधवगढ़ फाउंडेशन की पृवंध‌ न्यासी, टीसीसी की स्टेट कोऑर्डिनेटर वंदना द्विवेदी ने अपने वक्तव्य में कहा, एक तरफ पर्यावरण प्रदूषण की समस्या विकराल रूप धारण करती जा रही है, जिसके कारण बीमारियों ने अपना जाल फैला रखा है,‌ और दूसरी तरफ होली रंग बिरंगी छटा ओं के साथ धूमधाम से आ गई, हमें इस त्यौहार में एक संकल्प लेना होगा, हम सब मिलकर गोबर के बने हुए कंडो से होली जलाएं, साथ ही पर्याप्त मात्रा में उसमें कपूर डालें, नीम की जो पत्तियां सूख गई हैं कुछ मात्रा में वह भी होलिका जी में डालें जिससे वातावरण शुद्ध होगा और बीमारियां कोसों दूर, होलिका जी के नाम पर लोग जंगलों से काफी मात्रा में लकड़ियां काट कर लाते हैं जिससे पेड़ों को नुकसान होता है, ।, समय हमें चेतावनी दे रहा है ग्लोबल वार्मिंग का खतरा चारों और मंडरा रहा है वातावरण में तमाम प्रकार की बीमारियों के कीटाणु जो मौजूद है, जिन्हें खत्म करना आवश्यक है, और वह कपूर और कंडो के जलाने से ही खत्म होंगे, इसी प्रकार रंगों के इस त्यौहार में हमें यह भी नहीं भूलना है की तमाम प्रकार के जहरीले रंग जो मार्केट में उपलब्ध हैं , उनसे दूर रहते हुए, हर्बल और फूल पत्तियों से बने हुए रंगों का है इस्तेमाल करना है, जहरीले रंग त्वचा के लिए हार्मफुल हैं, इन से आंखों की रोशनी भी जा सकती है। हमें सावधानी पूर्वक अपने इस त्यौहार को हंसी खुशी एक दूसरे के साथ मनाना है और परंपरागत रूप से , भाई चारे के साथ दुश्मन को भी गले लगाना है, आओ हम सब मिलकर रंगों के इस त्यौहार में खुशियां मनाएं और कंडो की होली जलाएं यही समय की मांग है, और प्रकृति का संदेश भी, । 

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