भोपाल । प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के.के. मिश्रा ने आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में एक पत्रकार वार्ता के माध्यम से खुलासा किया है कि जिस चीन की वस्तुओं के बहिष्कार का आव्हान भाजपा व उसके सहयोगी संगठन ने कई मौंकों पर किया है, जिस चीन को लाल आंखे दिखाने की बात करते हुए भाजपा सरकार में आई तथा जिस चीन की एप्स पर केंद्र सरकार प्रतिबंध लगा चुकी है, उस चीन में बने आईपेड विधानसभा में विधायकों को ई-बजट के बहाने बांट कर मप्र सरकार मेक-इन-इंडिया के नारे को ‘‘चरित्रार्थ’’ करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है!
एक तरफ जहां यह बजट युवा, महिला, दलित, आदिवासी, गरीब, मध्यमवर्गीय विरोधी है। वहीं सदन में इस बजट में चीन के बने आईपेड बांटकर आत्मनिर्भर मप्र एवं आत्मनिर्भर भारत के नारे की सच्चाई भी सामने रखी है। भारत में टेबलेट बनाने वाली कंपनियों को आईना दिखाने का काम भी मप्र की भाजपा सरकार ने किया है।
क्या मुख्यमंत्री जो निवेश यात्रा बताकर पूर्व में चीन के खर्चे पर चीन गये थे, क्या चीन निर्मित यह टेबलेट प्रदेश के व्यापार को बौना कर चीन के व्यापार/ निवेश को प्रोत्साहित करने का प्रयास है? एक तरफ चीन भारत की सीमाओं पर घुसपैठ कर हमारे वीर सैनिकों के साथ हाथापाई कर उन्हें जख्मी कर रहा है, वहीं केंद्र सरकार उन खबरों को सार्वजनिक करने में परहेज करती है और मप्र की भाजपा सरकार चीन का व्यापार बढ़ाने के लिए आतुर है, ऐसा क्यों?
प्रदेश के मुखिया शिवराजसिंह चौहान से कांग्रेस मांग करती है कि इस विषयक वे अपना अभिमत सार्वजनिक करें। इन निर्णय (टेबलेट वितरण) में जो कुछ हुआ है, वह उनकी जानकारी में था या नहीं? यदि था तो क्या वे प्रदेश की जनता से माफी मांगेगे? यदि नही ंतो क्या वे दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करेंगे?
मप्र सरकार इस टेबलेट को बांटने के जिम्मेदार भाजपा नेताओं के ऊपर कार्यवाही कब तक करेगी व मप्र सरकार व केंद्र की भाजपा सरकार देश के लोगों को चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के नाम पर भ्रमित करने के लिए कब माफी मांगेगी, यह प्रश्न इस प्रेस वार्ता के माध्यम से कांग्रेस पार्टी पूछना चाहती है। क्या यह किसी षड्यंत्र का हिस्सा है या स्वदेशी जागरण के नाम पर देश-प्रदेश की जनता को धोखा देने का उपक्रम।
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