गुना। लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आशा उषा एवं पर्यवेक्षको ने नगरपालिका के सामने धरना देकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की वर्तमान में उन्हें ₹2000 प्रति माह से वेतन दिया जाता है जो बहुत कम है इनकी मांग है कि इन्हें प्रतिमाह ₹26000 वेतन दिया जाए जो कि जायज मांग है और महिला कांग्रेस इसका समर्थन करती है कि इनको प्रतिमाह 26000 रू ,दीया जाना चाहिए ।प्रदेश के मुखिया खुद को मामा कहलाने वाले और अपने भानजियो के साथ इस तरह का व्यवहार कर रहे हैं। आज महंगाई चरम पर पहुंच गई है और इस महंगाई के दौर में आशा उषा जो दिन भर कार्य करती हैं उसके उन्हें ₹2000 वेतन दिए जाना अनुचित है ₹2000 में से भी कटौती काट ली जाती है उन्होंने बताया की आज जच्चा बच्चा मृत्यु दर जो कम हुई है वह सिर्फ आशा उषा और पर्यवेक्षकों के कार्यकुशलता के कारण ही हुआ है कुपोषित बच्चों का भी ग्राफ कम हुआ है पहले कुपोषित बच्चे ज्यादा होते थे लेकिन अब आशा कार्यकर्ता इन बच्चों और गर्भवती महिलाओं का शुरू से लेकर प्रसव होने तक देखभाल करती है पहलेआशा ऊषा एवं परीक्षकों को आशा को 10000 एवं पर्यवेक्षकों को ₹15000 वेतन दिए जाने की बादा किया गया था, जो की अभी तक नही दिया गया। इस दौरान जिला अध्यक्ष मिथिलेश गोस्वामी एवं सचिव रामकली रामवती शिकारी भदौरा ब्लाक अध्यक्ष अनीता शर्मा और सैकड़ों की संख्या में आशा ऊषा कार्यकर्ता एवं पर्यवेक्षक सहित महिला कांग्रेस जिला अध्यक्ष सीमा यादव उपस्थित रहे।
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