समस्तीपुर । राजदार ने सेक्स वीडियो वायरल करने की धमकी दी, तब इससे गुस्साए जदयू के पूर्व विधायक ने राजदार को रास्ते से ही हटा दिया। पूर्व मुखिया की हत्या करने के लिए पूर्व विधायक ने दिल्ली से शूटर्स बुलाकर उसका काम तमाम करवा दिया। हत्या की ये घटना बिहार के समस्तीपुर की है। 20 फरवरी को समस्तीपुर जिले के विभूतिपुर थाना क्षेत्र में हुए चर्चित डबल मर्डर केस का समस्तीपुर पुलिस के द्वारा खुलासा कर दिया गया है। इस मामले में विभूतिपुर के पूर्व विधायक और उनके भाई सहित छह लोगों के खिलाफ विभूतिपुर थाना में हत्या के बाद नामजद प्राथमिकी दर्ज हुई थी। इस डबल मर्डर मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए विभूतिपुर से जेडीयू के पूर्व विधायक रामबालक सिंह के भाई लालबाबू सिंह को गिरफ्तार किया है। डबल मर्डर की वारदात के बाद पुलिस की अलग-अलग टीम बिहार के अलावा झारखंड, बंगाल और दिल्ली में छापेमारी कर रही थी। तभी टीम ने पूर्व विधायक के भाई लालबाबू सिंह को दिल्ली से गिरफ्तार किया है, वहीं इस घटना में शामिल पूर्व विधायक सिंह और अन्य की गिरफ्तारी के लिए टीम लगातार छापेमारी कर रही है। इस मामले में एसपी विनय तिवारी ने बताया कि जदयू के पूर्व विधायक सिंह का एक महिला के साथ अश्लील वीडियो मृतक पूर्व मुखिया सुरेंद्र प्रसाद सिंह के पास था। इसलेकर मृतक के द्वारा पूर्व विधायक के छवि को धूमिल करने की धमकी दी जा रही थी। इसके बाद पूर्व विधायक और उसके भाई ने पूर्व मुखिया की हत्या की साजिश रची। पूर्व विधायक और उनके भाई लालबाबू सिंह के द्वारा 6 लाख रुपये में दिल्ली के चार शूटरों को सुपारी दी गई थी। उन्होंने बताया कि सभी शूटर को पूर्व विधायक और उसके भाई के द्वारा घर में ही रखा गया था और खुद अपने भाई के साथ बिहार से बाहर चले गए थे, ताकि लोगों को उन पर शक ना हो सके। बता दें कि मडडीहा गांव में बाइक से अपने सहयोगी के साथ चिमनी भट्टा जा रहे सिंघिया बुजुर्ग दक्षिणी पंचायत के पूर्व मुखिया सुरेंद्र प्रसाद सिंह और उनके सहयोगी सत्य नारायण सिंह उर्फ मंत्री की चार से पांच की संख्या में हथियारबंद अपराधियों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी। घटना से नाराज लोगो ने सड़क और रेलवे ट्रैक को लगभग 8 घंटे जाम कर आगजनी की थी। इसके बाद में हेड क्वार्टर डीएसपी अमित कुमार के आश्वासन पर जाम को समाप्त कराया गया था। इस घटना के बाद मृतक के भाई के बयान पर विभूतिपुर से जेडीयू के पूर्व विधायक रामबालक सिंह उनके भाई लाल बाबू सिंह सहित अन्य लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
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