पानी की बोतल में टॉयलेट सीट से ज्यादा बैक्टीरिया


  -ताजा रिसर्च में किया गया यह दावा 
नई दिल्ली । ताजा रिसर्च में कहा गया है कि बार-बार उपयोग होने वाली पानी की बोतलें काफी खतरनाक हैं। न्यू अमेरिका स्थित वॉटरफिल्टरगुरु डॉट कॉम के शोधकर्ताओं की एक टीम ने एक रिसर्च में पाया कि बार-बार उपयोग होने वाली पानी की बोतलों में औसत टॉयलेट सीट की तुलना में लगभग 40 हजार गुना अधिक बैक्टीरिया हो सकते हैं। 
शोधकर्ताओं की टीम ने टोंटी के ढक्कन, पानी की बोतलों के ढक्कन समेत अलग-अलग ढक्कनों को तीन बार साफ किया। इस दौरान इनमें दो तरह के खतरनाक बैक्टीरिया पाए गए। शोधकर्ताओं ने बताया कि बार-बार उपयोग की जाने वाली पानी की बोतलों में मौजूद बैक्टीरिया इतने खतरनाक हैं कि यह मानव के शरीर में ऐसी क्षमता पैदा कर सकते हैं जिसके बाद मानव शरीर पर किसी भी एंटीबायोटिक दवाओं का किसी तरह का असर नहीं होगा। शोधकर्ताओं ने यह भी बताया कि कई बैक्टीरिया ऐसे भी मिले हैं जिससे आंत की बीमारियां भी हो सकती हैं।इसके अलावा शोधकर्ताओं ने बोतलों की सफाई की घरेलू वस्तुओं से तुलना की और कहा कि उनमें रसोई के सिंक से दोगुने कीटाणु होते हैं। एक कंप्यूटर माउस पर मौजूद बैक्टीरिया की तुलना में इसमें चार गुना और एक पालतू जानवर के पानी पीने के कटोरे से 14 गुना अधिक बैक्टीरिया हो सकते हैं। 
इंपीरियल कॉलेज ऑफ लंदन के मानव विज्ञानी डॉक्टर एंड्रयू एडवर्ड्स ने कहा कि इन बोतलों की वजह से अब इंसानों का मुंह कीटाणुओं का घर बन गया है। शोधकर्ताओं ने सलाह दी है कि बार-बार उपयोग होने वाली बोतलों को दिन में कम से कम एक बार गर्म पानी और साबुन से धोना चाहिए। मालूम हो कि हम सब बोतल में पानी पीते हैं। इस बोतल को कई लोग सप्ताह में एक बार तो कुछ सप्ताह में दो या तीन बार धोते हैं। इन बोतलों के खंगालने भर से ही हम सोच लेते हैं कि यह साफ हो गई है। लेकिन हम यह कभी नहीं सोचते की यह पानी की बोतलें जानलेवा भी हो सकती हैं। 

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