भोपाल। राज्य सरकार द्वारा चुनावी बजट में प्रदेश के कर्मचारी एवं मजदूरों की की गई उपेक्षा से कर्मचारी और मजदूर वर्ग में भयंकर आक्रोश व्याप्त है क्योंकि सरकार के इस कार्यकाल में अब कर्मचारियों एवं मजदूरों को किसी प्रकार का लाभ आगामी माह में प्राप्त नहीं होगा इसलिए कर्मचारीयों एवं मजदूरों ने निर्णय लिया है कि राज्य सरकार द्वारा बजट में की गई उपेक्षा के विरोध में अपना आक्रोश जाहिर करने के लिए पूरे प्रदेश के कर्मचारी और मजदूर वर्ग इस वर्ष होली का त्यौहार नहीं मनाएंगे।
मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांत अध्यक्ष अशोक पांडे ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया है कि सरकार लंबे समय से प्रदेश के कर्मचारियों एवं मजदूरों की प्रमुख मांगों की अनदेखी कर रही है इस बार चुनावी बजट होने के कारण कर्मचारियों एवं मजदूरों को सरकार से काफी उम्मीदें थी कि बजट में मांगों को पूरा करने का प्रावधान किया जाएगा कर्मचारियों एवं मजदूरों को राहत देने का काम सरकार करेगी लेकिन सरकार ने कर्मचारियों एवं मजदूरों की प्रमुख मांगो के संबंध में किसी प्रकार का प्रावधान बजट में नहीं किया जिस कारण प्रदेश के तृतीय श्रेणी चतुर्थ श्रेणी कार्यभारित कर्मचारी स्थाई कर्मी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी एवं श्रमिकों ने सामूहिक रूप से निर्णय ले लिया है कि अपनी पुरानी पेंशन योजना लागू करने महंगाई भत्ते के एरियर का भुगतान करने टैक्स में छूट देने स्थाई कर्मियों को सातवां वेतनमान का लाभ देने अनियमित कर्मचारी को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ देने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने और श्रमिकों के वेतन भक्तों में बृद्धि तथा मानदेय कर्मचारियों को वेतन का भुगतान करने की मांग के समर्थन में वर्ष 2023 का होली पर्व प्रदेश के 10 लाख कर्मचारी संवर्ग तथा 10लाख मजदूर संवर्ग नहीं मनाएंगे तथा होली के दिन ही मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन को 11 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपेंगे बैठक में अशोक पांडे भागीरथ विश्वकर्मा श्याम बिहारी सिंह शिवप्रसाद सांगुले भगवानदास बिल्लोरे सत्येंद्र पांडे केके कहार श्याम चौधरी सुनील पाठक सिद्धार्थ मालवीय चांद सिंह भूपेंद्र पांडे हरि सिंह सोलंकी प्रीतम सिंह मेहर श्याम नरते आदि दर्जनों पदाधिकारी एवं सदस्य शामिल थे।
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