37 साल की राम बाई नायक बनीं अपने गांव की पहली‌ महिला सरपंच

- सरपंच बनने के बाद राम बाई नायक ने अपने‌ क्षेत्र में घर-घर में पीने के पानी की आपूर्ति की व्यवस्था की, टंडा व नरोन्हा सकाल गांवों में पानी के टैकों का निर्माण कराया
- सरपंच ने SOS चिल्ड्रेंस विलेज- भोपाल के साथ साझीदारी में निर्माण मज़दूरी से जुड़े 33 परिवारों को काम दिलाने‌ की व्यवस्था करने के साथ-साथ उनके बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने का कार्य किया, 22 बुज़ुर्गों को पेंशन दिलाई, स्वच्छ भारत मिशन‌ के तहत 48 से अधिक परिवारों के लिए शौचालयों का निर्माण कराया, 18 परिवारों को गैस कनेक्शन दिये गये, 121 परिवारों को मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत घर हासिल करने में मदद की गई
भोपाल । गांव में सामुदायिक रूप से ढांचागत सुविधाओं के विकास के ज़रिए लोगों के जीवन स्तर में आमूल-चूल परिवर्तन लाने और उन्हें आर्थिक तौर पर सक्षम बनाने का प्रयास करते हुए सरपंच राम बाई नायक उल्लेखनीय कार्य कर रही हैं. ग़ौरतलब है कि राम बाई‌ नायक अपने गांव तंडा और नरोन्हा सकाल की सबसे युवा सरपंच हैं. बता दे कि इन गांवों में महज़ पांच ट्यूब वेल्स कार्यरत थे जो गर्मियों के मौसम में अक्सर सूख जाया करते थे. इस गंभीर मसले पर ग़ौर करते हुए 37 वर्षीय सरपंच राम बाई नायक ने गांवों में दो वॉटर टैंकों का निर्माण कराया जिससे टंडा और नरोन्हा सकाल गांवों के हर घर में पीने का पानी आसानी से पहुंचे सके.
गांव की सरपंच बनने के बाद से ही राम बाई नायक अपने गांव की बेहतरी के लिए उल्लेखनीय कार्यों को अंजाम दे रही हैं. SOS चिल्ड्रेंस विलेज-भोपाल की सहायता से राम बाई नायक ने अब तक‌ 33 निर्माण मज़दूरों के परिवारों को रोज़गार देने व उनके बच्चों को मुफ़्त शिक्षा प्रदान करने का कार्य किया है जिससे इन परिवारों का भविष्य उज्ज्वल बन सके. इसके अतिरिक्त, उनकी ओर से 22 बुज़ुर्गों को पेंशन दिलाने में सहायता भी प्रदान की गई है ताकि इस उम्र में वो आर्थिक रूप से स्थिर जीवन व्यतीत कर सकें. सरपंच के तौर पर राम बाई नायक ने स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत 48 परिवारों के लिए शौचालयों का निर्माण कराने में भी अहम भूमिका निभाई है. इस तरह से गांव में साफ़-सफ़ाई पर भी ख़ूब ध्यान‌ दिया जा रहा है.
इसके अलावा, 18 परिवारों को गैस कनेक्शन प्रदान किये गये हैं जिसके चलते उन परिवारों के लिए अब ख़ाना पकाना और घरेलू कार्यों को अंजाम देना और आसान हो गया है. ग़रीबी रेखा के नीचे जीनेवाले 48 से अधिक परिवारों को बीपीएल कार्ड प्रदान किये गये हैं ताकि वे सरकारी योजानाओं का पूरा लाभ हासिल कर सकें. उल्लेखनीय है कि 121 परिवारों को मुख्यमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाने में भी सहायता प्रदान की गई है.
ग़ौरतलब है कि अपने गांव में शैक्षणिक व्यवस्था के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए 2023-2024 शैक्षणिक सत्र में माध्यमिक स्कूल को उच्च शैक्षणिन स्कूल में परिवर्तित करने की योजना बनाई गई है. इस पहल का मक़सद है कि बच्चे अपने ही गांव में उत्तम शिक्षा हासिल कर सकें.
SOS चिल्ड्रेंस विलेज-भोपाल की ओर से चलाए जा रहे कल्याण कार्यक्रमों से लाभान्वित होनेवाली सरपंच राम बाई नायक कहती हैं, "मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन मैं भी सरपंच बनूंगी. मुझे कभी इस बात का एहसास तक नहीं हुआ था कि एक मज़दूर भी सरपंच का चुनाव जीत सकती है और नेतृत्व प्रदान करते हुए अपने गांव की भलाई के लिए कार्य कर सकती है. अब जाकर मुझे लोकतंत्र के सही मायनों के बारे में पता चला है. मुझे पता चला कि एक साधारण सी महिला की ख़्वाहिशें भी पूरी हो सकती हैं. मैं SOS चिल्ड्रेंस विलेज़ेज ऑफ इंडिया का तहे-दिल से शुक्रिया अदा करती हूं जिन्होंने पिछले तीन सालों से मेरा मार्गदर्शन करते हुए मुझे एक लीडर बनने की शक्ति प्रदान की. मैं स्वाभाविक रूप से एक लीडर नहीं हूं, मगर महिलाओं के जीवन में बदलाव लाने की इच्छा ने मुझे एक सरपंच बनने के लिए प्रेरित किया."
तंडा गांव में पली-बढ़ी राम बाई नायक का नाता आर्थिक रूप से बेहद पिछड़े हुए परिवार से था. ऐसे में बचपन में स्कूली पढ़ाई करने की बजाय वह एक बाल मज़ूदर के रूप में काम किया करती थीं. 20 साल की उम्र में शादी करने के बाद राम बाई नायक और उनके पति ने रोज़गार का ज़रिया हासिल करते हुए एक चाय की दुकान खोल ली. साल 2019 में राम बाई नायक SOS चिल्ड्रेंस विलेज-भोपाल द्वारा चलाए जा रहे परिवार सशक्तिकरण कार्यक्रम का हिस्सा बन गईं जो ग़रीबी के कुचक्र में फंसे, सामाजिक विषमता का शिकार और ज़िंदगी से जूझते हुए लोगों की सहायता पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ता है. ऐसे लोगों को सशक्त बनाकर उन्हें मज़ूबत आधार प्रदान करने का सराहनीय कार्य करता है SOS चिल्ड्रेन्स विलेज-भोपाल. ऐसे में राम बाई नायक को भी शिक्षा प्रदान करते हुए पढ़ने में सक्षम बनाया गया ताकि वह ख़ुद को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने के लिए अपना पैन कार्ड व आयुष्मान कार्ड बनवा सके. उन्हें 20,000 रुपये की सहायता भी प्रदान‌ की गई ताकि वे गाय ख़रीद सकें व उससे हासिल होनेवाले दूध से उनकी दैनिक आय में वृद्धि हो, वह अतिरिक्त दूध को बेचकर पैसे कमा सके और उन्हें टी स्टॉल चलाने में भी उसे मदद मिले.
राम बाई नायक के अलावा SOS चिल्ड्रेंस विलेज-भोपाल की ओर से क्षेत्र के 130 परिवारों को तमाम तरह की सहायता पहुंचाई जा रही है. इनमें बाल अधिकार, बाल पंचायत के माध्यम से बाल विकास, स्वास्थ्य व पौष्टिक आहारों का ख़्याल रखा जाना, परिवारों को विभिन्न तरह के स्व-सहायता समूहों व सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाना शामिल है.

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