नई दिल्ली । अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में लगातार लोअर सर्किट लग रहा है। कभी दुनियाभर के रईसों की सूची में तीसरे स्थान पर रहे अडानी आज 33वें स्थान पर पहुंच गए हैं। 24 जनवरी से 24 फरवरी के बीच उनकी संपत्ति 127 अरब डॉलर से गिरकर 35 अरब डॉलर रह गई है। हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट सामने आने के बाद से ही उनके शेयरों में गिरावट देखी जा रही है। अडानी एंटरप्राइजेज के जो शेयर 23 जनवरी को 3436 रुपए में बिक रहे थे वो आज 60 फीसदी गिरकर 1382 रुपए पर पहुंच गए हैं। इसी तरह अडानी टोटल के शेयर 80 फीसदी गिरकर 791 रुपए पर पहुंच गए हैं। 23 जनवरी को इन शेयरों की कीमत 3901 रुपए थी। अडानी ग्रीन एनर्जी 1932 से टूटकर 512 रुपए पर पहुंच गए हैं। अडानी ग्रीन 23 जनवरी को 2517 पर था और आज ये 712 रुपए पर पहुंच गया है। आईपीओ के बाद शेयरधारकों को कुछ ही दिनों में मालामाल बनाने देने वाला अडानी विल्मर 544 रुपए से गिरकर 362 रुपए पर आ गया है। बाजार के जानकारों का मानना है कि अगर क्रिप्टो की तरह स्टॉक मार्केट में लोअर सर्किट का नियम नहीं होता तो स्थिति और खराब हो सकती थी। देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी के शेयरों की लिस्टिंग और उसके बाद शेयरों की चाल खुद ही एक निवेशकों के लिए सिरदर्द बन हुआ था। अब अडानी के शेयरों में गिरावट से एलआईसी के निवेशक और भी सकते में आ गए हैं। दरअसल एलआईसी का अडानी की 5 कंपनियों में बड़ा निवेश है। 24 जनवरी तक ये कुल निवेश 72193 करोड़ रुपए था। 23 जनवरी को आधे से भी कम होकर 26861 करोड़ रुपए रह गया। ये करीब 63 फीसदी की गिरावट है। एलआईसी के शेयर पिछले एक महीने में 15 फीसदी से अधिक टूट गए हैं। एलआईसी के साथ-साथ देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के शेयरधारक भी सहमे हुए हैं और इसमें लगातार बिकवाली देखी जा रही है। एसबीआई ने अडानी समूह को बड़ा कर्ज दिया हुआ है। 24 जनवरी को एसबीआई का शेयर 604 करोड़ रुपए था जो 23 फरवरी को गिरकर 521 रुपए पर आ गया। एक महीने में एसबीआई के शेयर करीब 14 फीसदी टूट गए हैं। ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार एसबीआई ने अडानी समूह को 21,560 करोड़ रुपए का कर्ज दिया हुआ है।
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