भोपाल । देश के अडानी ग्रुप पर सरकार का शिकंजा कसता जा रहा है। जहां अमेरिका जैसे देश अडानी ग्रुप को घेरने लगी है। वहीं आदमी ग्रुप के शेयर लगातार गिरते जा रहे हैं। जिससे देश की बैंको का आर्थिक दौर चल रहा है। जहां कुछ दिन पहले अडानी ग्रुप दुनिया में 3 स्थान पर था वह अब 17 वे स्थान पर पहुंच गया है। अडानी ग्रुप के शेयर प्रति घंटे में बुरी तरह से गिर रहे हैं जिसपर अब nse ने निगरानी करना शुरू कर दिया है और सभी कंपनियों को सर्विलांस पर डाल दिया है।
एडिशनल सर्विलांस मेजर्स में कंपनी को रखने को किसी कार्रवाई की तरह नहीं देखा जाता है। इसका मकसद शेयरों की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव पर अंकुश लगाना होता है। यह SEBI और एक्सचेंज की पहल का एक हिस्सा है, जिसे मार्केट पर भरोसा बढ़ाने और निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए बनाया गया है। इसका मतलब ये भी है कि इंट्रा डे ट्रेडिंग के लिए भी 100% अपफ्रंट मार्जिन की जरूरत होगी और इससे शॉर्ट सेलिंग पर अंकुश लगेगा।
जो कंपनियां ASM के अंदर होती हैंउन पर कॉर्पोरेट एक्शन का कोई फर्क नहीं पड़ता है। आसान भाषा मेंसमझें तो ASM फ्रेमवर्क मेंआनेवाली कंपनियां बोनस, डिविडेंड, स्टॉक स्प्लिट आदि पर फैसले ले सकती हैं और इसका फायदा शेयर होल्डर को भी मिलता है। यानी इससे कंपनी की किसी भी गतिविधियों पर प्रतिबंध नहीं लगता।
शेयरों में गिरावट जारी
हिंडनबर्ग रिसर्च के सामने आने के बाद पिछले कुछ दिनों में अडानी ग्रुप के शेयरों में तेजी से गिरावट हो रही है।अडानी ग्रुप को अब तक 100 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। गौतम अडानी समूह की लिस्टेड कंपनियों के स्टॉक में गिरावट का जो सिलसिला शुरू हुआ वो गुरुवार को भी बरकरार रहा। वैसे, अडानी समूह की सीमेंट कंपनी - अंबुजा और एसीसी के स्टॉक में तेजी रही। अंबुजा सीमेंट्स के स्टॉक 352.45 रुपये पर बंद हुए।
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