मुंबई । अडानी ग्रुप के शेयरों में इस तरह बिकवाली हो रही है, जैसे जंगल में आग लगने पर जानवर भागते हैं। हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन भी अडानी के अधिकतर शेयरों में भारी बिकवाली दिख रही है। इससे देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी (एलआईसी) को भारी नुकसान हो रहा है। एलआईसी ने अडानी ग्रुप के शेयरों में काफी पैसा लगाया हुआ है। हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद से अडानी के शेयर औंधे मुह गिर रहे हैं। इसके बाद अडानी में एलआईसी के निवेश का मुनाफा धीरे-धीरे उड़ता रहा और अब यह निवेश नकारात्मक हो गया है। यानी अब अडानी के शेयरों में एलआईसी घाटे में हैं। गुरुवार को बाजार बंद होने के बाद अडानी के शेयरों में एलआईसी इन्वेस्टमेंट वैल्यू घटकर 27,000 करोड़ रुपये रह गई। एक्सचेंजों पर उपलब्ध एलआईसी के दिसंबर शेयरहोल्डिंग पैटर्न से डेटा विश्लेषण पर यह आंकडा निकला है। 30 जनवरी को एलआईसी ने बताया था कि अडानी ग्रुप के शेयरों में इक्विटी और डेट के तहत दिसंबर के आखिर तक निवेश वैल्यू 35,917 करोड़ रुपये थी। उसने कहा था कि अडानी ग्रुप कंपनियों में शेयरों की कुल खरीद वैल्यू 30,127 करोड़ रुपये थी। वहीं, इस निवेश की 27 जनवरी को मार्केट वैल्यू 56,142 करोड़ रुपये थी। अडानी के शेयरों में गुरुवार की गिरावट के बाद से ग्रुप में एलआईसी का निवेश निगेटिव हो गया है। यानी अब एलआईसी को अडानी के शेयरों में घाटा है। यह आंकलन यह मानकर किया गया है कि 30 जनवरी के बाद से एलआईसी ने अडानी के शेयर खरीदे और बेचे नहीं हैं। एलआईसी के पास अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के 4,81,74,654 शेयर हैं। यह दिसंबर 2022 को कंपनी की कुल पेड अप कैपिटल का 4.23 फीसदी है। एलआईसी के पास दिसंबर तक अडानी पोर्ट्स में 9.14 फीसदी, अडानी ट्रांसमिशन में 3.65 फीसदी, अडानी ग्रीन में 1.28 फीसदी और अडानी टोटल गैस में 5.96 फीसदी हिस्सेदारी थी। 30 सितंबर 2022 तक एलआईसी का कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट 41.66 लाख करोड़ रुपये थे।
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