स्कूलों में शिक्षा के व्यावसायीकरण के कार्यान्वयन पर दो दिवसीय राष्ट्रीय परामर्श बैठक का शुभारंभ
भोपाल । अगर हर व्यक्ति यह मान लें कि वह एक विद्यार्थी है तो उनकी यह सोच भारत में शैक्षणिक क्रांति ला सकती है। यह बात गोवा बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एंड हायर सेकेंडरी एजुकेशन के अध्यक्ष भागीरथ सेठिये ने प्रसिद्ध पुस्तक ‘‘21 लेसंस ऑफ़ 21 सेंचुरी’’ को रेखांकित करते हुए कही। वे समग्र शिक्षा के तहत स्कूलों में शिक्षा के व्यावसायीकरण के कार्यान्वयन पर पीएसएस केन्द्रीय व्यावसायिक शिक्षा संस्थान (पीएसएससीआईवीई) भोपाल में सोमवार, 27 फरवरी को आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय परामर्श बैठक के शुभारंभ अवसर पर विशिष्ट अतिथि के तौर पर अपना उद्बोधन दे रहे थे। उन्होंने आगे बताया कि गोवा में 14 विषयों में व्यावसायिक पाठ्यपुस्तक, 4 प्री-वोकेशनल कोर्सेज पर शैक्षणिक कार्य चल रहा है। वहीं, हिमाचल प्रदेश राज्य परियोजना निदेशक आईएफएस राजेश शर्मा ने उद्बोधन में ‘वर्टीकल लिंकेजिस ऑफ़ लीनियर डेवेलपमेंट को लेकर कहा कि भारत के युवा ही भारत की शक्ति है।
*सामान्य के साथ व्यावसायिक शिक्षा पर फोकस जरूरीः प्रो. सकलानी*
कार्यक्रम में ऑनलाइन माध्यम से सम्मानीय अतिथि एनसीईआरटी निदेशक डॉ. दिनेश प्रसाद सकलानी ने संस्थान द्वारा चलाए जा रहे कौशल विकास और व्यावसायिक शिक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम की सराहना की। उन्होंने बताया कि आज के शैक्षणिक परिवेश में हमें सामान्य शिक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा पर फोकस करना होगा। उनहोंने कहा कि हमें यह पता करना होगा कि कौन-से कोर्सेस भविष्य की शिक्षा पद्धति के लिए उचित रहेंगे एवं कौशल विकास के माध्यम से हम इन उद्देश्यों को हासिल कर सकते हैं। व्यावसायिक शिक्षा के परिवेश में तकनीकी का अकादमिक शिक्षा के साथ समागम ही बेहतर शिक्षा का आधार है एवं टेक्नोलॉजी को शिक्षा के साथ सम्मिलित कर बेहतरी की ओर बढ़ाया जा सकता है।
*यह परामर्श बैठक शिक्षा से जुड़े पहलुओं समागमः डॉ. पालीवाल*
पीएसएससीआईवीई के संयुक्त निदेशक डॉ. दीपक पालीवाल ने इस परामर्श बैठक को शिक्षा से जुड़े पहलुओं का समागम बताया। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा निति 2020 के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए यह बैठक कारगर साबित होगी। इस दौरान उन्होंने शैक्षणिक गतिविधियों में वर्चुअल लैब्स, ड्रोन टेक्नोलॉजी, माइक्रो-इरीगेशन एवं अन्य फ्यूचरिस्टिक टेक्निक्स पर कार्य करने की बात कही। वहीं, कार्यक्रम समन्वयक प्रो. विनय स्वरूप मेहरोत्रा ने व्यावसायिक शिक्षा का सामान्य शिक्षा के साथ समागम पर जोर दिया। अपने प्रेजेंटेशन में वोकेशनल एक्सपोज़र, मल्टीडिसिप्लिनरी एंड होलिस्टिक एजुकेशन, प्री-वोकेशनल एजुकेशन एट मिडिल स्टेज, इम्प्लीमेंटेशन ऑफ़ प्री-वोकेशनल एजुकेशन, 10 बैगलेस डेज, हब-एंड-स्पोक मॉडल, वोकेशनल एजुकेशन एट सेकेंडरी स्टेज, रेकमेंडेशन ऑफ़ हायर एजुकेशन आदि विषयों पर विस्तृत में जानकारी प्रदान की।
*कुशल शिक्षकों को तैयार करना चुनौतीः प्रो. पिंकी खन्ना*
पैनल चर्चा में ‘गुणवत्तापूर्ण शिक्षक तैयार करने के लिए स्कूल-उद्योग सहयोग निर्माण’ विषय पर प्रो. पिंकी खन्ना ने कहा कि जब तक कि शिक्षण के सही तरीकों और योग्य व कुशल शिक्षकों द्वारा जीवन में तेजी नहीं लाई जाती है तब तक सबसे अच्छा पाठ्यक्रम और सबसे सही पाठ्यक्रम भी मृत है। व्यावसायिक शिक्षा का सामना करने वाली सबसे चुनौतीपूर्ण समस्याओं में से एक पर्याप्त संख्या में कुशल शिक्षकों को तैयार करना।
*ये रहे मौजूद*
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि गोवा बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एंड हायर सेकेंडरी एजुकेशन के अध्यक्ष भागीरथ सेठिये, विशिष्ट अतिथि हिमाचल प्रदेश के राज्य परियोजना निदेशक आईएफएस राजेश शर्मा, एनसीईआरटी नई दिल्ली के निदेशक प्रो. दिनेश प्रसाद सकलानी, पीएसएससीआईवीई के संयुक्त निदेशक डॉ. दीपक पालीवाल, कार्यक्रम समन्वयक एवं मुख्य वक्ता प्रो. विनय स्वरूप मेहरोत्रा तथा प्राध्यापक प्रो. पिंकी खन्ना सहित राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के प्रतिनिधि, सेक्टर स्किल काउंसिल, राज्यों के समग्र शिक्षा के निदेशक एवं पदाधिकारी और विभिन्न राज्यों के एससीईआरटी, एनसीवीईटी, एआईसीटीई और सीबीएसई स्टेट स्कूल बोर्ड, भारतीय शिक्षा बोर्ड, सीआईएससीई, नवोदय विद्यालय समिति, भारतीय कौशल विकास विश्वविद्यालय और अमृता विश्वविद्यालय एवं भारत के विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास में कार्यरत विशेषज्ञ एवं प्रतिनिधि मौजूद रहे।
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