भाषा सदैव उपयोग करने से होती है समृद्ध - डॉ.शर्मा
भोपाल । नेहरू युवा केंद्र संगठन, मध्य प्रदेश द्वारा एक दिवसीय राज्य स्तरीय हिंदी कार्यशाला का आयोजन वाल्मी में किया गया, कार्यशाला में प्रदेश भर के नेहरू युवा केंद्र के अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित हिंदी के प्राध्यापक एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.सुधीर कुमार शर्मा ने कहा कि भाषा और संस्कृति एक दूसरे के पूरक हैं, भाषा ही संस्कृति की संवाहक है। जो स्वाभिमानी राष्ट्र होते हैं, वह अपना कार्य अपनी ही भाषा में करते हैं। हिंदी हमारी अस्मिता है, हमें प्रयास करना चाहिए कि दैनिक जीवन में हम हिंदी अथवा अपनी मातृभाषा का प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि देवनागरी लिपि दुनिया की सबसे वैज्ञानिक एवं प्रमाणिक लिपि है,जिसमें प्रत्येक शब्द के अपने विशिष्ट अर्थ हैं । भाषा एक प्रवाह है, आप उसमें प्रवाहित होते रहेंगे तो भाषा का प्रवाह भी एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में होता रहेगा। यह सुखद है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम हिंदी और मातृभाषा में शिक्षा को प्रमुखता से स्थान दिया गया है। उन्होंने कहा कि हमको संकल्प लेना चाहिए कि हम दैनिक जीवन एवं कार्यालयीन पत्राचार में हिंदी का प्रयोग करें एवं अपने हस्ताक्षर भी हिंदी में करें। इस अवसर पर राज्य निदेशक डॉ सुरेंद्र शुक्ला ने कहा हमारा प्रयास होता है कि हम दैनिक जीवन में अपनी भाषा को प्रमुखता से स्थान दें,एवं राजभाषा हिंदी का आधिकाधिक उपयोग करें। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से सम्मानित शुभम चौहान ने किया तथा आभार उपनिदेशक अरविंद श्रीधर ने व्यक्त किया ।
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