आप आलोचना के लिए स्वतंत्र, पर मामलों की लिस्टिंग नियमानुसार होगी: सीजेआई चंद्रचूड़

मामले को सूचीबद्ध करने को लेकर वकीलों की शिकायत पर टिप्पणी की
नई दिल्ली । चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने तमिलनाडु में नौकरी के बदले नोट घोटाले यानी ‘कैश फॉर जॉब्स स्कैम’ से जुड़े मामले को सूचीबद्ध करने को लेकर वकीलों की शिकायत पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि आप किसी की भी आलोचना करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन जहां तक मामलों को सूचीबद्ध करने का संबंध है, उसके लिए नियमों के मुताबिक चलना होगा। बीते बुधवार को अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने सीजेआई के सामने तमिलनाडु के बहुचर्चित ‘कैश फॉर जॉब्स स्कैम’ मामले से जुड़ी याचिका अर्जेंट लिस्ट के लिए लगाई। 
वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि सितंबर 2022 में न्यायाधीश अब्दुल नजीर और न्यायाधीश वी रामासुब्रमण्यन की बेंच ने हाईकोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया था। जब यह बताया गया कि नियमों का उल्लंघन करते हुए मामले को एक पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया है तो सीजेआई की पीठ ने कोर्ट की रजिस्ट्रार का बचाव किया। वकील प्रशांत भूषण ने तर्क दिया कि पिछले साल सितंबर में जस्टिस एस अब्दुल नजीर व जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन की पीठ ने मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को दरकिनार करते हुए डीएमके विधायक वी सेंथिल बालाजी के खिलाफ आपराधिक आरोपों को बहाल कर दिया था।
वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे और कपिल सिब्बल ने केस के लिस्टिंग मामले में शिकायत की और एक मामले को दूसरे पीठ के समक्ष रखने पर आपत्ति जताई। वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने कहा कि पहले मामला न्यायाधीश कृष्णा मुरारी के सामने लिस्ट हुआ था, लेकिन बाद में किसी दूसरे बेंच को ट्रांसफर हो गया। दवे ने कहा कि रजिस्ट्रार को नियमों का पालन करना चाहिए। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सीजेआई ने कहा कि रजिस्ट्रार की आलोचना करना बहुत आसान है, लेकिन मैं पहले पेपर देखूंगा उसके बाद ही फैसला लूंगा।
एडवोकेट दुष्यंत दवे ने कहा कि चूंकि पिछला आदेश जस्टिस एस. अब्दुल नजीर और जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यन की खंडपीठ द्वारा पारित किया गया है, इसलिए वर्तमान मामले को खंडपीठ के सदस्य जज, जस्टिस रामासुब्रमण्यन के समक्ष सूचीबद्ध किया जाना चाहिए। इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि किसी केस को बेंच के सामने लिस्ट करना है, यह फैसला सीजेआई को लेना है। इस पर दुष्यंत दवे ने कहा कि मैं भी जज का बेटा हूं और मेरी न्यायपालिका में गहरी आस्था है। मैं किसी की व्यक्तिगत आलोचना नहीं कर रहा हूं। कृपया, इसे अन्यथा न लें। इस पर सीजेआई ने कहा कि बिना पूरा तथ्य जाने किसी की आलोचना करना आसान है, लेकिन मैं शाम को पेपर देखूंगा।

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