भोपाल । राजधानी में राष्ट्रीय सरपंच संघ के पदाधिकारियों की गांधी भवन में एक बैठक आयोजित की गई जिसमें सरपंचों की विभिन्न मांगो को लेकर चर्चा हुई । बैठक उपरांत सभी राष्ट्रीय सरपंच संघके पदाधिकारी ने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री निवास पर प्रदर्शन किया उसके बाद मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया। जैसे बजट सत्र शुरू होने जा रहा है साथ ही आगामी दिनों विधान सभा के चुनाव भी नजदीक आते जा रहे तो विभिन्न संगठन अपनी मांगों को लेकर सक्रिय होते हुए केन्द्र और राज्य सरकार से मुख्य पर दबाव बनाते जा रहे हैं उन्हीं में राष्ट्रीय सरपंच संघही इस संगठन के पदाधिकारियों ने मंगलवार 31 जनवरी 2023 को एक बैठक आयोजित कर मुख्य मंत्री निवास पर प्रदर्शन किया उसके उपरांत अपनी विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन दिया । राष्ट्रीय सरपंच संघ ने अपने मांगपत्र में
केन्द्र और राज्य सरकार से सरपंच , ग्राम प्रधान, चेरमेन या मुखिया को लोक सेवक के दायरे में लेकर लोक सेवक को मिलती सभी सुविधा दी जाए । सरपंच, ग्राम प्रधान, चेरमेन या मुखिया को नेशनल, स्टेट या लोकल टोल टैक्स फ्री करे। 73वा संविधान संशोधन को पूर्ण रूप से लागू किया जाए । केन्द्र सरकार और सभी राज्य सरकारे पंचायत आयोग का गठन करे ।, पूरे भारत वर्ष के सभी सरपंचों, मुखिया , चेरमेन या ग्राम प्रधान का मानदेव की जगह मासिक पगार रु. 20,000/- (बीस हजार), पंचों को रु. 4000/- (चार हजार) और रिटायर पेन्शन रु. 8000/- (आठ हजार) केन्द्र सरकार और राज्य सरकार की संयुक्त पॉलिसी से मिले । सरपंच, ग्राम प्रधान, चेरमेन या मुखिया के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का फैसला पंचों की बजाए ग्राम जनता द्वारा लिया जाए । हर पंचायत में सालाना दस लाख का विकास फंड दिया जाए जिससे सरपंच अपने हिसाब से गांव का काम करवा शके।
केन्द्र वित आयोग एवम् राज्य वित आयोग की पूरी ग्रांट ग्राम पंचायत में जमा की जाए और ग्राम सभा में पारित विकास कार्यों में खर्च करने की संपूर्ण सत्ता पंचायत को दी जाए । ई - टेंडरिंग को दूर करके दस लाख के विकास काम करने के लिए तीन कोटेसन की स्वीकृति पंचायत को दी जाए । केन्द्र सरकार, राज्य सरकार समेत किसीभी का प्रॉजेक्ट में ग्राम पंचायत को नोडल एजेंसी नियुक्त की जाए । केन्द्र सरकार और राज्य सरकार का कोई भी प्रोजेक्ट, तालुका प्लानिंग, जिल्ला प्लानिंग और स्टेट प्लानिंग समिति में राष्ट्रीय सरपंच संघ के प्रतिनिधी को मेम्बर बनाया जाए ।मनरेगा में सामग्री का भुगतान तीन महीने मे किया जाए। केन्द्रीय वित आयोग द्वारा जारी ग्रांट (टाइड और अन टाइड फंड) की बाध्यता को खत्म किया जाए । अंतर राष्टीय ओर राष्ट्रीय सरहदी गांवों में बॉर्डर सिक्योरिटी फंड को 50% बढ़ाकर पंचायत को दीया जाए । पंचायत राज ऐक्ट की धारा 40, 38 ईत्यादि में संशोधित किया जाए और दोषी सरपंच का निलंबन राज्यपाल द्वारा ही किया जाए। कोरोना कालमे सेवा देने वाले पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल दो साल बढ़ाया जाए और पंचायत प्रतिनिधियों को कोरोना वॉरियर का दर्जा दिया जाए।
राष्ट्रीय सरपंच संघ के मुख्य पदाधिकारी ता. 11 दिसम्बर से सभी राज्यो और केन्द्र शासित प्रदेशों का दौरा करेंगे और पंचायत प्रतिनिधिओ से चर्चा करके लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों को मांग पत्र देंगे।
किसी के पास कोई सुझाव है तो दे सकते हैं।
श्री जयराम पलसानिया - राजस्थान
राष्ट्रीय अध्यक्ष
+91 99288 09776
श्री आदित्य उपाध्याय - छत्तीसगढ
राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष
+91 9131631572
श्री ठाकुर चंदनसिह - बिहार
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
+91 9810147093
श्री भास्कर सम्मल - उत्तराखण्ड
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
+91 9756723184
श्री मुकेश सखिया - गुजरात
राष्ट्रीय महासचिव
+91 9033804928
श्री शालू देवी - हिमाचल प्रदेश
+91 7807546206
श्री गुरदीपसिंह सैनी - जम्मू
+91 9484007098
श्री राहुल ऊके - महाराष्ट्र
+91 9765014277
सरपंच हेल्पलाइन - 06353395375*
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