2014 में BE पास कर पूर्व मुख्यमंत्री के सहारे लिमिटेड कंपनी से प्रतिनियुक्ति पर आए प्रशिक्षु अभियंता इन दिनों काफी चर्चा में है। चर्चा इनके कारनामो के साथ साथ कोलार क्षेत्र में निर्माणाधीन इनकी कोठी की भी हो रही है। यह बात नागवार लगती है कि कारनामो की खबर उच्च अधिकारियों को नहीं है लेकिन सब आंखे बंद किये हुए। साहब की चाल इतनी तेज है कि वंदे भारत ट्रेन भी मात खा जाए।
हाल ही में साहब के कुछ किस्से सामने आये है जिन्हें देखकर टाटा-बजाज भी शरमा जाएं। साहब ने अगस्त 2022 से अक्टूबर तक 3 महीने में 5 करोड़ 85 लाख रुपये के जेसीबी, डम्फर और टाटा 407 किराए पर ले ली जबकि निगम के अमले में पूर्व से ही 20 से अधिक जेसीबी और 40 के लगभग डम्फर उपलब्ध है। जोन स्तर पर भी कई AHO के पास जेसीबी और डम्फर है।
सवाल यह है कि आखिर 5 करोड़ 85 लाख के जेसीबी डम्फर कहाँ चल गए। कागजो पर चली इन मशीनरी को किराए पर दिखाकर जिन ऐजेंसीयो से यह मशीनरी किराए पर ली गई उन्होंने भुगतान के एवज में मोटा कमीशन साहब को भेंट किया है। साहब ने मोटे कमीशन को जमीन पर उतार दिया है। बताया जा रहा है कि साहब अपने लिए कोलार क्षेत्र में एक आलीशान कोठी का निर्माण कर रहे है। साहब जिस 20 -20 अंदाज़ में बेटिंग कर रहे है उसमें जल्दी आउट के खतरे ज्यादा है लेकिन साहब बेख़ौफ़ होकर बल्लेबाजी कर रहे है। अब साहब ने अपने उच्च संपर्कों के चलते अपनी सेवाएं निगम में मर्ज करवाने के लिए फ़ाइल चलवाई है लेकिन अब साहब के काले कारनामो का चिट्ठा जल्दी ही सामने आने वाला है ।
बता दें कि साहब बहुत चंचल है
Post a Comment