कहीं जनता ने सुनाई खरी-खोटी, कहीं लगाए वापस जाओ के नारे
भोपाल । 5 फरवरी से शुरू हई भाजपा की विकास यात्रा शनिवार को समाप्त हो गई। 20 दिनों तक चली यात्रा में मंत्रियों, विधायकों और पदाधिकारियों को जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ा। इस यात्रा में भाजपा के खिलाफ एंटी इंकम्बेंसी खुलकर सामने आई है। इससे भाजपा आलाकमान की चिंताएं बढ़ गई हैं। यात्रा में मिले फीडबैक और एंटी इंकम्बेंसी पर रविवार और सोमवार को भाजपा के दिग्गज नेता मंथन करेंगे।
शनिवार को विकास यात्रा के अंतिम दिन भी जगह-जगह विरोध किया गया। विकास यात्रा लेकर पहुंचे भाजपा नेताओं को ग्रामीणों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। विरोध को देखते हुए नेताओं को बैकफुट पर जाना पड़ा। विदिशा जिले के ग्राम वर्धा में विकास यात्रा का ग्रामीणों ने विरोध किया।जिले की शमशाबाद विधानसभा एवं नटेरन ब्लॉक के ग्राम वर्धा में ग्रामीणों ने स्लोगन लिखी तख्ती हाथों में लेकर नारे लगाते रहे। एक ओर बीजेपी द्वारा क्षेत्र में किए विकास कार्यों को लेकर यात्रा निकालना बताया गया वहीं दूसरी ओर विरोध देखने को भी मिला। विरोध की कुछ तस्वीरें सामने आई है। बताया जा रहा है कि ग्रामीणों ने गौशाला सहित अन्य मुद्दों को लेकर विकास यात्रा का विरोध किया है। वहीं सीहोर जिले की इछावर विधानसभा में पेयजल और अव्यवस्था से नाराज ग्राम पंचायत गुराड़ी के ग्रामीणों ने विकास यात्रा को न सिर्फ रोकी बल्कि विधायक और पूर्व मंत्री करन सिंह वर्मा के सामने जमकर भड़ास भी निकाली। विधायक और अधिकारियों ने नजाकत को भांपते दूसरे ग्राम में जाना उचित समझा और विकास यात्रा गुराड़ी से धाईखेड़ा प्रस्थान कर गई। कांग्रेस विधायक ने कहा कि एक भी काम किया हो तो ही विकास यात्रा निकालो।
-सरपंच को कुर्सी नहीं मिली
शनिवार को विकास यात्रा लसूडिया कांगर गांव में पहुंची जहां पर आमजन नहीं पहुंचे। लिहाजा स्व सहायता समूह की महिलाओं और स्कूली बच्चों को इस यात्रा में शामिल किया गया। बड़ी बात यह रही है कि इस दौरान विकास को छोड़कर अन्य बातें की गई। इस मामले का एक वीडियो भी सामने आया है।
-घर आकर अंतिम संस्कार कर लो
रायसेन जिले के उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा द्वारा सरकारी तंत्र के साथ विकास यात्रा निकाली गई। क्षेत्र के हालात को देखते हुए लोगों में आक्रोश और नाराजगी देखी गई। विकास यात्रा ग्राम बिंझा पहुंची तो वहां के कार्यकर्ताओं ने स्वागत का कार्यक्रम रखा, लेकिन गुस्साए ग्रामीणों ने विकास यात्रा को गांव में कार्यक्रम नहीं करने दिया और खदेड़ दिया। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यात्रा में पूर्व विधायक रामकिशन पटेल और प्रदेश के सह मीडिया प्रभारी नरेंद्र शिवाजी मौजूद थे। वीडियो में एक बुजुर्ग कहते दिख रहे हैं कि गांव में एक श्मशान घाट तक नहीं है। कहा कि जब हमने इस समस्या के लिए पटवारी को फोन लगाया तो उनका जवाब था कि हमारे घर आकर अंतिम संस्कार कर लो। पूर्व विधायक के काफिले को महिलाओं ने रोक लिया। कहा कि गांव में पेयजल की सुविधा और सड़क नहीं है। गंदगी का अंबार है। कुछ ऐसे ही हालात ग्राम छातेर और ग्राम लामटा में भी रहे। उदयपुरा विधानसभा के कांग्रेस विधायक देवेंद्र पटेल का कहना है कि भाजपा ने एक कार्य भी किया हो तो वह यहां विकास यात्रा निकाले।
ग्रामीणों ने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ता और छोटे नेता श्रेय लेने के चक्कर में बरेली और उदयपुरा की सड़क नहीं बनने दे रहे हैं। इसका श्रेय कांग्रेस विधायक देवेंद्र पटेल को ना मिले। देवेंद्र पटेल ने कहा कि 27 तारीख से विधानसभा सत्र चालू होगा मैं इस विषय में दोबारा प्रश्न लगाऊंगा।
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